( गगन थिंद ) हरियाणा में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इंडियन नेशनल दल और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन हुआ है. वीरवार को चंडीगढ़ में इनेलो नेता अभय चौटाला और बसपा नेता आकाश आनंद ने यह ऐलान किया. ऐसे में अब हरियाणा में इनेलो और बसपा एकसाथ चुनाव लड़ेगी. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इनेलो और बसपा नेता ने जानकारी दी कि वह कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. प्रेसवार्ता में इनलो नेता अभय चौटाला ने कहा कि हरियाणा में इनेला और बसपा का गठबंधन हो गया है. विधानसभा चुनाव में इनेलो 53 सीटों पर तो वहीं बीएसपी 37 सीट पर चुनाव लडेगी. आकाश ने कहा कि इनेलो-बीएसपी की हरियाणा में सरकार बनने पर अभय चौटाला को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा और इनेलो बीएसपी का गठबंधन केवल विधानसभा चुनाव ही नहीं, आगे भी सभी छोटे बड़े चुनावों में रहेगा. अभय चौटाला ने बताया कि हम दोनों पार्टियों ने मिलकर एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम भी बनाया है. यदि हरियाणा में सरकार बनी तो स्नातक तक बच्चों को फ्री शिक्षा दी जाएगी, वो चाहे प्राइवेट स्कूल,कॉलेज और विश्वविद्यालय ही क्यों ना हो.
अभय चौटाला ने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद हम बुजुर्गों को 7500 रुपये पेंशन देंगे. साथ ही पानी फ्री दिया जाएगा और बिजली के बिल 500 रुपये से ज्यादा नहीं आए, ऐसा सिस्टम बनाएंगे. वहीं, हर गृहिणी को हर महीने 1 गैस सिलेंडर मुफ्त दिया जाएगा. किसान आंदोलन पर बॉर्डर से बैरिकैड हटाने के पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले का अभय चौटाला ने स्वागत किया और कहा कि किसान दिल्ली जाएगा तो हम उसका पूरा समर्थन करेंगे.वहीं, दिल्ली को पानी देने पर अभय चौटाला ने कहा कि उनका पानी बंद करना चाहिए, ताकि वहां के लोगों और नेताओं को एहसास हो कि पानी कितना महत्वपूर्ण है. वैसे भी पंजाब हमें एसवाईएल का पानी नहीं दे रहा है.
INLD और BSP के बीच तीसरी बार गठबंधन
हरियाणा में ये तीसरी बार है जब बसपा और इनेलो दोनों दल साथ आ रहे हैं। साल 1998 के लोकसभा चुनाव के दौरान इंडियन नेशनल लोकदल और बसपा के बीच पहली बार गठबंधन हुआ था। इस साल INLD ने सात और BSP ने तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था। दोनों दलों के बीच दूसरी बार गठबंधन साल 2018 में हुआ था। मगर यह गठबंधन विधानसभा चुनाव से पहले ही टूट गया था।
INLD और बीएसपी के गठबंधन से कांग्रेस के लिए होगी दिक्कत
INLD और बीएसपी के गठबंधन से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को झटका लग सकता है। बसपा हरियाणा की सियासत में 1989 से किस्मत आजमा रही है। मायावती ने 1998 के लोकसभा चुनाव में के इंडियन नेशनल दल के साथ गठबंधन किया था। तीन सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। इनमें से एक सीट पर जीत दर्ज की थी। 2018 के चुनाव के लिए दोनों दलों ने हाथ मिलाया था लेकिन चुनाव से पहले गठबंधन टूट गया था। बसपा सुप्रीमो कुमारी मायावती और इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. ओम प्रकाश चौटाला की स्वीकृति में बाद यह फैसला हुआ।