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नूंह शिवमंदिर के पुजारी बोले- महादेव बचाएंगे: इमाम ने कहा- अमन है, 22 जुलाई को फिर बृजमंडल यात्रा निकाली जाएगीं 

The priest of Nuh Shiv temple said - Mahadev will save: Imam said - there is peace, Brijmandal Yatra will be taken out again on 22nd July.

नूंह दिल्ली से करीब 85 किमी दूर हरियाणा का नूंह फिलहाल शांत है। यही नूंह बीते साल जुलाई में सुलग रहा था। तब 31 जुलाई को बृजमंडल यात्रा निकलनी थी। इससे पहले ही सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान आने लगे। नलहरेश्वर मंदिर से ब्रजधाम के लिए निकली यात्रा 2.5 किमी ही चली थी कि उस पर पथराव हो गया। अब 22 जुलाई को फिर बृजमंडल यात्रा निकलनी है।

पहला स्पॉट: शिव मंदिर, नूंह
नूंह का ये मंदिर तीन तरफ से पहाड़ों से घिरा है। हिंसा के दौरान मंदिर के बाहर मौजूद श्रद्धालुओं पर पहाड़ों से फायरिंग की गई थी। मंदिर के पुजारी दीपक शर्मा और मौके पर मौजूद पुलिसवालों ने भी इसकी पुष्टि की थी। हम इस मंदिर में पहुंचे, तो पुजारी दीपक शर्मा नहीं थे। पूछने पर पता चला कि वे अब यहां के पुजारी नहीं हैं। पंकज मिश्रा पूजा कराते हैं। पंकज मिश्रा से हमने पूछा कि बृजमंडल यात्रा फिर से होने वाली है, क्या कोई डर है? जवाब मिला, ‘डर कैसा, बाबा की चौखट में है। उन्होंने मर्यादा का पालन पहले भी किया, इस बार भी करेंगे। हम मंदिर के भीतर हैं, महादेव हमारी रक्षा करेंगे। यहां सब शांति है।’

दूसरा स्पॉट: मंदिर के पास की मस्जिद
मंदिर से करीब 700 मीटर दूर एक मस्जिद है। यहां के इमाम भी बदल गए हैं। नए इमाम मोहम्मद जीशान कहते हैं, ‘पिछली बार कुछ लोगों के भड़काऊ भाषण की वजह से दंगे हो गए थे। इस बार ऐसा नहीं होगा।’दंगों के दौरान आरोप लगा था कि मस्जिद से मंदिर के आसपास भीड़ जुटाने के लिए अनाउंसमेंट हुआ था। इस पर मोहम्मद जीशान कहते हैं, ‘ऐसा कुछ नहीं हुआ था। ये सब अफवाह है।’तभी मोहम्मद जीशान के साथ खड़े एक बुजुर्ग बोल पड़ते हैं, ‘पिछली बार मस्जिद के बाहर लगे CCTV कैमरे की वजह से हम पर उंगलियां उठी थीं। इस बार कैमरा खराब है। अब उसे ठीक कराएंगे भी नहीं।’

तीसरा स्पॉट: मंदिर के पास नल्हड़ बस्ती
मंदिर से करीब 400-500 मीटर दूर सड़क से लगी 10-12 झुग्गियां हैं। यहां हिंदू आबादी रहती है। दंगों के दौरान कई श्रद्धालु इस बस्ती में छिपे थे। बस्ती के लोगों ने खेतों और पहाड़ियों पर दंगाइयों को देखने का दावा किया था। फायरिंग की आवाज सुनी थी। इस बस्ती में भी अभी सन्नाटा है। कोई बात करने को तैयार नहीं।एक लड़का बात करने को राजी हुआ, लेकिन कैमरे पर नहीं आया। उसने बताया, ‘पिछली बार मीडिया ने हम लोगों के चेहरे दिखा दिए थे। बाद में कुछ लोग आए और हमें धमकाया। इसके बाद हमने तय किया है कि इस बार मीडिया से बात नहीं करनी है।’ क्या आप लोग भी जल चढ़ाने जाएंगे। जवाब मिला- ‘इस बार शायद हम बस्ती में ही न रहें। हम लोग रिश्तेदारों के यहां जाने का प्लान बना रहे हैं।’

चौथा स्पॉट: मंदिर से 4 किमी दूर साइबर थाना
दंगे के दौरान इस थाने पर भीड़ ने हमला कर दिया था। गेट बंद था, इसलिए उन्होंने बस की टक्कर से दीवार तोड़ दी और अंदर घुस गए। पुलिस की गाड़ियां और फर्नीचर तोड़ दिया। आग लगाने की भी कोशिश की गई। इस थाने में अब भी दंगे के निशान बाकी हैं। थाने के सामने जली हुई 4 कारें और एक बाइक खड़ी है। SHO बिमल राय दंगे के वक्त भी यहीं तैनात थे। हमने उनसे आरोपियों के केस का स्टेटस पूछा तो उन्होंने बताया, ‘सभी बेल पर बाहर हैं। 11 लोगों के खिलाफ केस चल रहे हैं।’ हालांकि थाने का स्टाफ कैमरे पर नहीं आया। इसकी वजह बताई कि माहौल सेंसेटिव है। कुछ ही लोगों को मीडिया से बात करने की परमिशन है। एक पुलिसकर्मी ने हमले वाले दिन की कहानी सुनाई। पहचान उजागर न करते हुए उन्होंने बताया, ‘उस दिन थाने में हम सिर्फ 9 लोग थे। बाहर हजार लोगों की भीड़ नारे लगा रही थी। कोई कह रहा था कि थाना जला दो। कोई कह रहा था घुसकर मारो। उनके पास पत्थर और बोतल बम थे, जिन्हें वे लगातार थाने पर फेंक रहे थे।’ करीब ढाई घंटे तक हमने अंदर से फायरिंग की। भीड़ जैसे ही करीब आती, हम गोलियां चलाना शुरू कर देते। उस दिन हम जिंदा बचने की उम्मीद खो बैठे थे। हमने सोच लिया था कि जब तक गोलियां हैं, फायर करेंगे। शुक्र है कि गोलियां खत्म होने से पहले मदद आ गई।’

पांचवां स्पॉट: तिरंगा चौक, जहां यात्रा पर हमला हुआ
नल्हड़ मंदिर से निकले श्रद्धालु फिरोजपुर झिरका के शिव मंदिर की ओर बढ़ रहे थे। यात्रा तिरंगा चौक पर पहुंची थी, तभी भीड़ ने हमला कर दिया। यात्रा में शामिल लोग वापस मंदिर की तरफ भागे। भीड़ भी उनके पीछे आ गई और मंदिर को घेर लिया। मंदिर में तब करीब 2500 लोग थे। अब दोबारा यात्रा इसी चौक से गुजरेगी। इस पर लोग बोलने से कतरा रहे हैं। उन्हें डर है कि वीडियो देखकर उन्हें टारगेट किया जा सकता है। इसी चौक पर विकास होटल है। होटल के मालिक सतप्रकाश ने उस दिन की आंखों देखी हमें बताई। वे बताते हैं, ‘मैं होटल में ही था। तभी मेरे भतीजे ने फोन पर बताया कि ताऊ झगड़ा हो गया है। तोड़फोड़ हो रही है। मैंने उससे कहा कि तुम निकलो वहां से। मैं भी होटल बंद करके चला गया।’ ‘निकलते हुए देखा कि 500-700 लोगों की भीड़ आ रही है। मैं जान बचाकर भागा। इस लाइन में मेरे ही होटल पर हमला हुआ

छठवां स्पॉट: बड़कली चौक
नूंह मंदिर से करीब 24 किलोमीटर दूर नगीना जिला है। यहां के बड़कली चौक पर बनी तेल मिल दंगाइयों का निशाना बनी थी। मिल के मालिक BJP के जिला महामंत्री शिवकुमार उर्फ बंटी हैं। वे बताते हैं, ‘हम लोग दुकान पर थे। तभी देखा कि भीड़ पत्थरबाजी कर रही है। पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी। पुलिसवालों को भी खदेड़ दिया। हालात ठीक नहीं थे। इसलिए हमने मिल में ताला लगाया और घर चले गए। एक घंटे बाद मेरे पास फोन आया कि दंगाइयों ने आपकी मिल के ताले तोड़ दिए हैं। वे तेल लूटकर ले जा रहे हैं।’

सातवां स्पॉट: तावड़ू
नूंह से करीब 17 किमी दूर तावड़ू में भी दंगे की आग पहुंची थी। यहां कच्चा बाजार में बनी जामा मस्जिद पर भीड़ ने हमला किया था। ताला तोड़कर आग लगाने की कोशिश भी की। मस्जिद के इमाम मोहम्मद शाहरुख जमीन दिखाते हुए कहते हैं, ‘ये देखिए, आज भी ये जगह काली है। लकड़ी का दरवाजा जल गया था, इसलिए लोहे का दरवाजा लगवाया है।’ ‘हमारा करीब एक-सवा लाख का नुकसान हुआ। सरकार ने तो हर्जाना नहीं दिया, लेकिन जमीयत ने मदद की थी।’

आठवां स्पॉट: तिगरा गांव
गुरुग्राम के सेक्टर-57 में तिगरा गांव की एक मस्जिद को भीड़ ने आग लगा दी थी। इससे मस्जिद में मौजूद इमाम की जलकर मौत हो गई थी। आगजनी के आरोप में गांव के 6 लड़कों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। सभी पर हत्या का आरोप है। मस्जिद के पास की एक बिल्डिंग में लगे CCTV कैमरे की फुटेज में ये लड़के दिखे थे। सभी आरोपी जेल में हैं। हम उनके परिवार से मिलने पहुंचे। घटना के बाद भी हम इन परिवारों से मिले थे। तब आरोपियों के मां-बाप और भाइयों से बात की थी। इस बार इन परिवारों ने ही नहीं, पूरे गांव के लोगों ने चुप्पी साध रखी है।

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