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JDU की मांग पर लोकसभा में मंत्री ने दिया जवाब,CM नीतीश को बड़ा झटका

Nitish Kumar's minister roared in the Parliament, said - Widows should stop lamenting and accept the reality, 'they kept scratching us like vultures..'

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को केंद्र सरकार से बड़ा झटका लगा है. दरअसल बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर दिल्ली से बड़ा अपडेट सामने आया है. लोकसभा में बजट सत्र के दौरान केंद्र सरकार की ओर से वित्त राज्य मंत्री पकंज चौधरी ने बड़ा बयान दिया है. दरअसल पंकज चौधरी ने लोकसभा में केंद्र सरकार की ओर से जवाब देते हुए कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना संभव नहीं है. मंत्री ने कहा कि विशेष राज्य के दर्जे के लिए जिन प्रावधानों को पूरा करना होता है वह बिहार में नहीं है. बता दें, बीते कई सालों से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठती रही है. अभी हाल ही में रविवार को भी दिल्ली में सर्वदलीय बैठक के दौरान जेडीयू के राज्यसभा सांसद संजय झा ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा या विशेष पैकेज देने की मांग को उठाया था. बता दें, सीएम नीतीश कुमार भी कई बार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते रहे हैं.

JDU ने कहा- यह बिहार के लोगों का हक

वहीं सोमवार को आम बजट से पहले जेडीयू ने एक बार फिर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष सहायता देने की मांग की है. जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग बिहार की जनता की आवाज है. जेडीयू ने मांग पत्र नहीं अधिकार पत्र भेजा है. हमने कहा है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष सहायता मिलना ही चाहिए. बता दें, केंद्र की नई सरकार का आम बजट कल पेश होने वाला है.

अन्य राज्य भी कर रहे हैं मांग

बता दें, भारतीय संविधान के आर्टिकल 275 के मुताबिक किसी राज्य को विशेष श्रेणी राज्य का दर्जा दिए जाने के प्रावधान हैं. वर्तमान में देश में कुल 29 राज्य हैं और 7 केंद्रशासित प्रदेश, जिनमें से 11 राज्यों को विशेष श्रेणी राज्य का दर्जा ​हासिल है, लेकिन अब भी बिहार, आंध्रप्रदेश, उड़ीसा समेत पांच राज्य हैं जो विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. आर्टिकल 275 में बताया गया है कि किन स्थितियों में किसी राज्य को यह विशेष दर्जा दिया जा सकता है. इन प्रावधानों के मुताबिक उन राज्यों को यह दर्जा दिया जा सकता है, जहां पहाड़ी या मुश्किल भौगोलिक स्थितियां हों, अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के लिहाज़ से राज्य रणनीतिक महत्व का हो, प्रति व्यक्ति आय बहुत कम हो, आबादी का घनत्व कम हो या आदिवासी बहुल आबादी हो या फिर आर्थिक और संरचनात्मक पिछड़ापन और राजस्व के स्रोतों की कमी हो.

 

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