फसलों की एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए संघर्ष पर उतरे किसान आज विपक्षी दल के नेता राहुल गांधी से थोड़ी देर में मुलाकात करेंगे। किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मुलाकात के लिए संसद में पहुंच गया। हालांकि किसानों के संसद में जाने के पास बने होने के बावजूद भी उन्हें डेढ़ घंटे तक रोका गया। किसान नेता रमनदीप सिंह ने कहा कि अब उनकी एंट्री हो गई है। वहीं, राहुल गांधी का भी इस मामले में बयान आया है कि किसान उनसे मिलने आए थे, लेकिन उन्हें संसद के बाहर रोकने की सूचना मिली है। उन्होंने किसानों को संसद में अपने आफिस में बुलाया था। शायद किसान होने की वजह से उन्हें अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। किसानों की मांग है कि मानसून सत्र में फसलों की एमएसपी को लेकर वह प्राइवेट बिल लेकर आए है। इसके लिए किसानों ने भाजपा के 240 सांसदों को छोड़कर सभी सांसदों को मांग पत्र भी सौंपे हैं। वहीं शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने इस संबंध में एक निजी विधेयक तैयार करके भेजा है।
दिल्ली से कई सांसदों ने किसानों मुलाकात की थी
इससे पहले किसानों ने दिल्ली में 22 जुलाई को दिल्ली किसान मजदूर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया था। इसमें किसानों ने अपने संघर्ष को लेकर सारी बात रखी थी। इसके बाद कई पार्टियों के नेताओं ने किसानों से मुलाकात की थी। इन नेताओं में हरसिमरत कौर बादल, सुखजिंदर सिंह रंधावा, अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, वरूण चौधरी, जय प्रकाश जेपी, अरविंद सावंत, राजकुमार रोत, सैयद आगा रूहल्लाह मेहदी, विक्रमजीत सिंह साहनी, मालविंदर सिंह कंग और डॉ अमर सिंह शामिल थे। पंजाब में किसान 13 फरवरी से ही विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान दिल्ली आने की मांग पर अड़े हुए हैं। हालांकि, बॉर्डर बंद होने की वजह से वे आगे नहीं बढ़ पाए हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान भी किसान अपने विरोध पर अड़े रहे। उन्होंने भाजपा नेताओं और उम्मीदवारों के खिलाफ भी प्रदर्शन किया। किसानों का साफ कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वे पीछे नहीं हटेंगे। इस संघर्ष में कई राज्यों के किसान शामिल हो सकते हैं।