( गगन थिंद ) कोचिंग सेंटर हादसा; मध्य जिला के राजेंद्र नगर थाना पुलिस ने राव आईएएस स्टडी सेंटर में हुए हादसे के मामले में पांच और लोगों को गिरफ्तार किया है, इसमें वह कार चालक भी शामिल है जो बारिश के दौरान सड़क से तेज रफ्तार कार लेकर गया था जिससे कोचिंग सेंटर का गेट टूट गया था, इसके अलावा बेसमेंट का मालिक भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन लोगों की गिरफ्तारी के साथ मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या सात हो गई है। पुलिस का कहना है कि हम मामले में शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
दो आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
इससे पहले, रविवार को ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित यूपीएससी कोचिंग सेंटर में पानी भरने से छात्रों की हुई मौत के मामले में अदालत ने दोनों आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद राव आईएएस कोचिंग के मालिक अभिषेक गुप्ता और कोऑर्डिनेटर देशपाल सिंह को गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस कोचिंग सेंटर हादसे के दोनों आरोपियों को गिरफ्तारी के बाद राजेंद्र नगर थाने से कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस ने इन दोनों आरोपियों समेत बिल्डिंग मैनेजमेंट, ड्रेनेज सिस्टम की देखभाल करने वाले निगमकर्मियों और अन्य के खिलाफ गैर इरादतन हत्या समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। डीसीपी सेंट्रल एम. हर्षवर्द्धन ने कहा, ‘बेसमेंट के मालिकों और एक व्यक्ति सहित पांच और लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने एक वाहन चलाया था। जिससे इमारत के गेट को नुकसान पहुंचा था। बेसमेंट में व्यावसायिक गतिविधि करने की कोई अनुमति नहीं थी। हमने एमसीडी से कुछ जानकारी मांगी है और हम उनकी भूमिका की भी जांच करेंगे। हम प्रदर्शनकारी छात्रों से शांति बनाए रखने और जाम न लगाने की अपील करते हैं।” दिल्ली पुलिस के मुताबिक, ओल्ड राजेंद्र नगर मामले में दिल्ली पुलिस ने जिस ड्राइवर को गिरफ्तार किया है, उस पर लापरवाही बरतने की बात सामने आई है। वह गाड़ी बहुत तेज चला रहा था, जिससे कोचिंग सेंटर का गेट टूट गया। इमारत के गेट से टकराने से पहले, एक रेहड़ी वाले ने उसे रोकने की कोशिश की थी।
नगर निगम को शिकायत
कुशवाह ने नगर निगम के लिखा था, ‘बिना किसी अनुमति और बिना किसी एनओसी के वे (राऊ) बेसमेंट में क्लास चला रहे हैं; वे टेस्ट क्लास (प्रैक्टिस सेट) ले रहे हैं, इसमें छात्रों के साथ कमचारियों का भी जीवन प्रभावित हो रहा है. बड़ी दुर्घटना हो सकती है….बड़े यूपीएससी कोचिंग संस्थान छात्रों की जान जोखिम में डालकर अवैध जगहों पर कक्षाएं चला रहे हैं.’ कुशवाह सिर्फ कंप्लेन करने के बाद ही नहीं रुके, चूंकि सीविल सेवा की तैयारी वह भी कर रहे थे, तो उनके सरकारी कार्य-व्यवस्ता की जानकारी थी. उन्होंने दो बार निगम को रिमांडर भी भेजा. 15 जुलाई को दोबारा लिखा, ‘सर, यह बहुत महत्वपूर्ण और जरूरी मुद्दा है, सख्त कार्रवाई करें.’ छात्रों के डूबने से पांच दिन पहले उन्होंने फिर से रिमाइंडर भेजा और लिखा, ‘सर कृपया कार्रवाई करें… यह छात्रों की सुरक्षा का मुद्दा है.’ फिर भी नगर निगम की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. ऑनलाइन कंप्लेन पोर्टल पर करेंट स्टे्स “अंडर प्रोसेस” लिखा आ रहा है.
कोचिंग सेंट के आसपास के इलाकों का खास्ता हाल
दिल्ली खासकर करोल बाग और ओल्ड राजेंद्र नगर आईएएस-आईपीएस कोचिंग का सबसे बड़ा हब है. बेसमेंट में क्लास और लाइब्रेरी की कतार यहीं नहीं खत्म होती है. आप एक बार हो आइए, वहां से, दुर्गति देख रूह न कांप जाएं तो कहिएगा. राव आईएएस का तो सिर्फ नाम सामने आया है, कोचिंग वालों से लेकर प्राइवेट तक सभी बिना किसी क्लिएरेंस के छात्रओं के जीवन से खेलते हुए बेसमेंट में जर्जर मकानों में लाइब्रेरी चला रहे हैं. और हमारी सरकार और प्रशासन आंखें मूंदे हाथ पर हाथ धरी एक बड़े हादसे की इंतजार में रहती है.