( गगन थिंद ) स्वतंत्रता दिवस के नजदीक आते ही कनाडा में खालिस्तान के समर्थन में आवाजें उठने लगी हैं। अमेरिका से भारत में आतंक फैलाने वाले सिख फॉर जस्टिस के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कल कनाडा के कैलगरी में रेफरेंडम-2020 का आयोजन किया। जिसमें खालिस्तानी समर्थकों ने पहुंचकर भारत को तोड़ने के लिए वोट किया और किल इंडिया और दिल्ली बनेगा खालिस्तान के नारे भी लगाए। कनाडा में यह रेफरेंडम सरकारी बिल्डिंग म्युनिसिपल प्लाजा में हुआ। लेकिन इस दौरान कनाडा की अथॉरिटी ने मामले में दखल देने से इनकार कर दिया। कनाडाई मीडिया द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक स्थानीय मेयर गोंडेक ने कहा कि वह इस रेफरेंडम को एक वैध लोकतांत्रिक अभ्यास के रूप में देखती हैं, जिसे मंजूरी देने या प्रतिबंधित करने का उनके कार्यालय को कोई अधिकार नहीं है। जनता कभी भी म्युनिसिपल प्लाजा में इकट्ठा हो सकती है। वे जो चाहें कर सकते हैं। कनाडा में हुए जनमत संग्रह में भी भारत विरोधी नारे लगे। यह पूरा आयोजन कनाडा पुलिस की निगरानी में हुआ। लेकिन भारत विरोधी नारे नहीं रोके गए। यहां वोट डालने आए खालिस्तानी समर्थकों ने खुलेआम किल इंडिया और दिल्ली बनेगा खालिस्तान के नारे लगाए।
जानें क्या है रेफरेंडम 2020- SFJ सिखों के लिए अलग खालिस्तान की मांग
सिख फॉर जस्टिस यानी SFJ सिखों के लिए अलग खालिस्तान की मांग करने वाला एक संगठन है। 2007 में अमेरिका में इसकी स्थापना की गई थी। गुरपतवंत सिंह पन्नू SFJ के संस्थापकों में से एक है। SFJ अपने अलगाववादी अभियान ‘रेफरेंडम 2020’ के तहत पंजाब को भारत से अलग कराने की बात करता है। SFJ ने अपने अगस्त 2018 में लंदन डिक्लेरेशन में भारत से अलग होने और पंजाब को एक अलग देश के रूप में फिर से स्थापित करने के सवाल पर दुनिया भर में रहने वाले सिख समुदाय के बीच पहला जनमत संग्रह कराने की घोषणा की थी। SFJ ने नवंबर 2020 में जनमत संग्रह के लिए वोटिंग कराने की बात कही थी। पंजाब के साथ-साथ नॉर्थ अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, केन्या और मध्य-पूर्वी देशों के प्रमुख शहरों में इसे आयोजित करने की योजना बनाई थी। ‘रेफरेंडम 2020’ नाम से बाकायदा एक वेबसाइट बनाई गई थी। इसमें लिखा था- एक बार जब भारत से आजादी को लेकर पंजाबी लोगों के भीतर आम सहमति बन जाएगी तो हम पंजाब को एक देश के रूप में एस्टैब्लिश करने के लक्ष्य के साथ संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय निकायों से संपर्क करेंगे।