( गगन थिंद ) हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री नायब सैनी की सरकार में वित्त मंत्री जेपी दलाल ने विवादित बयान देते हुए खुद के शीर्ष नेतृत्व को ही कटघरे में खड़ा कर कहा कि अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो उसे 6 महीनें भी नहीं पकड़ने देंगे। वे मंगलवार को भिवानी जिले में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। जेपी दलाल ने कहा-प्रदेश में एक शोर मच रहा है भाई प्रदेश में कांग्रेस आएगी। अरे खस्मों (भाईयों) ये इतना (लोकसभा चुनाव में) रोला कर रखा था जब भी आधी-आधी हो गई 44-42 है। मैं तो बुरी से बुरी कहता हूं। अगर भगवान रुस गया, या फिर उक-चूक रह गई तो हमारे दिल्ली वाले छठां महीना नहीं पकड़ने देते। जेपी दलाल का कहना है कि अगर सरकार बन भी गई तो हमारा शीर्ष नेतृत्व छह महीनें भी उन्हें नहीं चलने देंगे।
किसानों पर विवादित टिप्पणी कर चुके
बता दें कि 2019 में लोहारू विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक चुने गए जेपी दलाल पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के करीबी है। मनोहर लाल की सरकार में वह कृषि मंत्री बनाए गए थे, लेकिन मार्च 2024 में मनोहर लाल को हटाकर नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद भी उनका कद कमजोर नहीं हुआ। मनोहर लाल से नजदीकियों के कारण ही जेपी दलाल को नायब सैनी की कैबिनेट में प्रमोशन देते हुए वित्त मंत्री बनाया गया। पिछले साल जेपी दलाल ने किसानों को लेकर भी विवादित टिप्पणी की थी। नवंबर 2023 में जेपी दलाल ने कहा था-जिनकी घरवाली तक उनकी बात नहीं सुनती, उन्होंने किसानों का ठेका ले रहा है। वो सबकों जानते है किसी पर पांच तो किसी पर तीन मुकदमें दर्ज है वो उल्टे-उल्टे काम कर रहे है। अब मैं बोलूंगा तो कहेंगे कि उल्टा बोलता है। कुछ लोग मेरे पास गए थे। उन्होंने कहा कि हमें अपने साथ मिला लो मैंने साफ तौर पर कह दिया कि मैं तुम्हें अपने साथ नहीं लेने वाला क्योंकि मैं बोले बिना नहीं रहता। क्योंकि मैं अगर किसानों को गुमराह करने वाले, उनका शोषण करने वाले, किसानों को थाना तहसील करने वालों के सामने झुक गया तो मेरी राजनीति का मकसद ही खत्म हो जाएगा।
प्रदेश में चुनावी माहौल गर्म
दरअसल, इस बार प्रदेश में एक महीनें पहले विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। एक अक्टूबर को वोटिंग होनी है। प्रदेश में लगातार दो बार से बीजेपी की सरकार है। बीजेपी लगातार जीत की हैट्रिक लगाने के लिए तमाम कोशिशें कर रही है। तीन महीनें पहले आए लोकसभा चुनाव परिणाम बीजेपी की उम्मीद के अनुरूप नहीं आए। प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों में से 5 सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। यही कारण है कि बीजेपी को विधानसभा चुनाव में खतरा नजर आ रहा है।