चंडीगढ़ सेक्टर-10 में कारोबारी कुलदीप सिंह मक्कड़ की कोठी पर फायरिंग के मामले में गोल्डी बराड़ गिरोह के 8 सदस्यों पर आरोप तय कर दिए गए हैं। जिला अदालत ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और आर्म्स एक्ट के तहत आरोप तय किए हैं, जिससे गुरविंदर सिंह उर्फ लोदी, काशी सिंह उर्फ हैरी, शुभम कुमार गिरी उर्फ पंडित, अमृतपाल सिंह उर्फ गुज्जर, कमलप्रीत सिंह, प्रेम सिंह, सरबजीत सिंह उर्फ सरबू और गगनदीप सिंह गोल्डी पर केस चलेगा।
इस मामले के मुख्य आरोपी गोल्डी बराड़ और गोल्डी ढिल्लों अभी भी फरार हैं और उनके खिलाफ 10-10 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया है। अगली सुनवाई 22 अक्टूबर को होगी। एनआईए ने जून 2024 में इन आरोपियों पर इनाम की घोषणा की थी।
तीन करोड़ की फिरौती नहीं देने पर की थी फायरिंग
यह मामला 19 जनवरी 2024 का है, जब आतंकी गोल्डी बराड़ ने सेक्टर-10 निवासी कारोबारी कुलदीप सिंह मक्कड़ से तीन करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी थी। जब मक्कड़ ने इनकार कर दिया, तो गोल्डी बराड़ ने अपने गुर्गों को भेजकर मक्कड़ की कोठी पर फायरिंग करवाई। इस फायरिंग में 5 गोलियां चलाई गईं, जो कारोबारी की कार को लगीं, लेकिन किसी की जान को नुकसान नहीं हुआ। फायरिंग की घटना के बाद सेक्टर-3 थाने में मामला दर्ज किया गया और पुलिस ने गिरोह के 8 सदस्यों को गिरफ्तार किया।
NIA ने लिया केस अपने हाथ में, खोले कई राज
फायरिंग के बाद गोल्डी बराड़ के नेटवर्क का खुलासा होने पर एन.आई.ए. ने मामले की जांच शुरू की। 8 मार्च को एन.आई.ए. ने नई एफ.आई.आर. दर्ज की और मामले को अपने हाथ में लिया। इसके बाद गोल्डी बराड़ के कुछ और गुर्गे गिरफ्तार किए गए, जिनसे पूछताछ में पता चला कि गोल्डी बराड़ और गोल्डी ढिल्लों पंजाब, चंडीगढ़ और अन्य राज्यों में जबरन वसूली और नारकोटिक्स के धंधे में शामिल हैं।
जांच में यह भी सामने आया कि गोल्डी बराड़, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साथ मिलकर अपराधों को अंजाम दे रहा है और विदेश से पूरे नेटवर्क को चला रहा है। गोल्डी बराड़ का गैंग हथियारों की खरीद-फरोख्त और नशीले पदार्थों की तस्करी में भी लिप्त है, जिसे पंजाब पुलिस ने भी उजागर किया है।