हरियाणा सरकार को 300 करोड़ रुपए से अधिक के दवा और अन्य उपकरण खरीदने के कथित घोटाले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने राज्य को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को एफआईआर दर्ज करने के लिए 4 सप्ताह का समय देने का निर्णय लिया, हालांकि इससे पहले कोर्ट ने राज्य को 16 सितंबर तक एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था।
हाईकोर्ट की नाराजगी
कोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू की पीठ ने जब राज्य के समय बढ़ाने के अनुरोध पर नाराजगी व्यक्त की, तो भी उन्होंने अंततः इस मांग को मंजूरी दे दी। इससे स्पष्ट है कि राज्य सरकार इस मामले में कार्रवाई में देरी कर रही है।
ईडी से जांच की मांग
इस बीच, याचिकाकर्ता जगविंद्र कुल्हाड़िया ने स्वास्थ्य विभाग में दवा और उपकरणों की खरीद में करोड़ों रुपए के घपले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कराने की याचिका दायर की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि बिना ड्रग लाइसेंस वाली कंपनियों से दवा और उपकरणों की खरीद करके लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया गया है। इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि जेल में बंद एक व्यक्ति ने टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया और स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने फर्जी हस्ताक्षर किए।
इस मामले में उच्च न्यायालय की कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि घोटाले की गंभीरता को देखते हुए उचित जांच की आवश्यकता है। अब देखना होगा कि राज्य सरकार इस समय सीमा के भीतर आवश्यक कदम उठाती है या नहीं।