हरियाणा के करनाल जिले में धान खरीद को लेकर किसानों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस स्थिति के खिलाफ किसानों ने इंद्री मंडी के गेट पर ताला जड़ दिया है।
किसानों का आरोप
किसानों का कहना है कि सरकारी खरीद दर 2300 से 2310 रुपये है, लेकिन प्राइवेट मिलर्स इसे 200 से 300 रुपये कम में खरीद रहे हैं। इस कारण उन्हें भारी घाटा हो रहा है। यह सब मिलर्स, कमीशन एजेंट संगठन और अधिकारियों की मिलीभगत के चलते हो रहा है।
किसान नेता मनजीत चौगावा ने कहा कि “खाली कागजों में सरकारी खरीद हो रही है, लेकिन अब तक किसी भी किसान की धान को सरकारी रेट पर नहीं खरीदा गया है।” उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर जल्द ही किसानों की धान सरकारी रेट पर नहीं खरीदी गई, तो 9 अक्टूबर को पूरे हरियाणा में हाईवे को जाम किया जाएगा।
सरकारी दावे बनाम हकीकत
किसानों का कहना है कि सरकार ने 27 सितंबर से धान की खरीद शुरू करने का दावा किया था, लेकिन वास्तविकता यह है कि अभी तक सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई है। अधिकारी नमी का बहाना बनाकर खरीद से बच रहे हैं, जिससे किसान कम रेट पर अपनी धान बेचने को मजबूर हैं। किसान इसे हर बार फसल आने पर होने वाली समस्या मानते हैं, जो उनके भविष्य को असुरक्षित बना रही है।
मंडी सचिव का बयान
निसिंग मंडी के मार्केट कमेटी के सचिव गौरव आर्य ने कहा कि हमारी मंडी में सरकारी मानकों के अनुसार खरीद की जा रही है। उन्होंने कहा, “अगर किसी किसान को कोई शिकायत है तो वह हमारे पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं, हम उस पर कार्रवाई करेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि एक नोटिस जारी किया गया है कि कोई भी प्राइवेट मिलर अगर सरकारी रेट से कम कीमत पर धान खरीदेगा, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस प्रकार, करनाल के किसान अपनी परेशानियों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, और अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं, तो वे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं।