इस फ़ैसले को सुनाते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने महिला पत्रकार सुकन्या शांता की तारीफ़ करते हुए कहा, “सुकन्या शांता मैडम, आपके शोधपूर्ण लेख के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद. आपके लेख से ही इस मामले की सुनवाई की शुरुआत हुई. पता नहीं इस लेख के बाद हक़ीक़त कितनी बदली होगी, लेकिन हमें उम्मीद है कि इस फ़ैसले से हालात बेहतर होंगे.”
“जब लोग लेख लिखते हैं, शोध करते हैं और मामलों को अदालतों के सामने इस तरह लाते हैं कि समाज की वास्तविकता दिखा सकें, तो हम इन समस्याओं का निदान कर सकते हैं. ये सभी प्रक्रियाएं क़ानून की ताक़त को रेखांकित करती हैं.”