(गौरव धीमान) हरियाणा में विधायक बनने के बाद राज्य सभा सांसद कृष्ण लाल पंवार ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज्यसभा सदस्य रहते हुए भाजपा की टिकट पर इसराना हलके से चुनाव लड़ा था। विधायक चुने जाने के बाद उन्होंने राज्यसभा से त्यागपत्र दिया है। वे 2014 में भाजपा सरकार में परिवहन मंत्री रह चुके हैं। अब एक बार फिर से मंत्रीपद की दौड़ में हैं। कृष्णलाल पंवार ने उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ को अपना इस्तीफा सौंपा है। स्पीकर ने तुरंत प्रभाव से उनका इस्तीफा मंजूर भी कर लिया है। कृष्ण लाल पंवार इसराना विधानसभा सीट से विधायक बने हैं। इसके बाद ही उन्हें राज्यसभा छोड़नी पड़ी है।
बॉयलर ऑपरेटर थे कृष्ण लाल पंवार
कृष्ण लाल पंवार का जन्म पानीपत जिले के मतलौडा में 1 जनवरी 1958 को हुआ। उनके पास 10वीं और 5 वर्षीय बॉयलर कैप्टेन्सी का डिप्लोमा है। वो थर्मल बॉयलर ऑपरेटर से सेवानिवृत्त होकर राजनीतिक में आए थे। उन्होंने इंडियन नेशनल लोकदल में राजनीतिक करियर की शुरुआत की और उसके बाद भारतीय जनता पार्टी को जॉइन किया।
12 साल नौकरी कर इस्तीफा दिया
पंवार ने थर्मल पावर प्लांट में 12 साल की नौकरी कर साल 1991 में इस्तीफा दिया था। ओम प्रकाश चौटाला के नेतृत्व में उन्होंने असंध विधानसभा सीट से 1991 का चुनाव और पहली बार में ही जीत कर विधायक बनें। इसके बाद वो इनेलो की ही टिकट पर 1996 और 2000 में असंध से विधायक बने। 2000 में उनको हाउसिंग बोर्ड का चेयरमैन बनाया। 2005 में वो चुनाव हार गए। 2009 में इसराना विधानसभा से उन्होंने एक बार फिर इनेलो के टिकट पर जीत दर्ज की।
बलवीर सिंह वाल्मिकी को हराया
इसराना विधानसभा सीट पर कृष्ण लाल पंवार ने कांग्रेस के बलवीर सिंह वाल्मिकी को हराया। कृष्ण लाल पंवार को 67538 वोट मिले। बलवीर सिंह वाल्मिकी को 53643 वोट मिले. निर्दलीय राकेश सरोहा 4283 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।
कुलदीप बिश्नोई दावेदारी जता रहे
हरियाणा में खाली हो रही राज्यसभा सीट के लिए उन्होंने लॉबिंग शुरू कर दी है। बिश्नोई परिवार फिर से अपनी राजनीतिक जमीन बनाने में जुट गया है। 11 अक्टूबर को दिल्ली में कुलदीप बिश्नोई ने उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। उनके साथ कुलदीप बिश्नोई का पूरा परिवार भी मौजूद था। इस दौरान हरियाणा विधानसभा चुनाव और आगामी राजनीति को लेकर चर्चा हुई।
किरण चौधरी हाल ही में चुनी गई हैं राज्यसभा सांसद
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कुलदीप बिश्नोई राज्यसभा की खाली हुई सीट पर चुनाव लड़कर राज्यसभा जाना चाहते हैं। राज्यसभा सीट के लिए भाजपा के पास पूर्ण बहुमत भी है। इससे पहले दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सांसद बनने पर खाली हुई राज्यसभा सीट पर किरण चौधरी ने चुनाव लड़ा और वह राज्यसभा सांसद चुनी गईं। किरण चौधरी के सामने विपक्ष चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। भूपेंद्र हुड्डा अकसर यह कहते नजर आए कि हमारे पास बहुमत नहीं है।