( गगन थिंद ) हरियाणा में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे चुके पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव लगातार सोशल मीडिया पर एक्टिव रहकर कांग्रेस पर हमला बोल रहे हैं। कैप्टन ने X पर दो और पोस्ट कर राहुल गांधी को टैग करते हुए लिखा-‘मैं आत्मसम्मान में विश्वास करता हूं, क्योंकि किसी पद पर बने रहना महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि आप बिना किसी बाधा के पार्टी के लिए कितना कुछ कर सकते हैं।
मैं 1988 में कांग्रेस में शामिल हुआ था, जब पार्टी नेताओं के साथ उचित बातचीत होती थी, जो स्वर्गीय राजीव गांधी और यहां तक कि सोनिया गांधी तक चलती रही, लेकिन हाल ही में राहुल गांधी के इर्द-गिर्द एक गुट ने घेरा बना लिया है, जिससे वरिष्ठ नेताओं सहित पार्टी कार्यकर्ता उनसे दूर हो गए हैं।’
दूसरी पोस्ट में कैप्टन ने लिखा-‘कोई अपने पिता के सहकर्मी को अपमानित करता है, बड़े नेता का बेटा होना उसका मौलिक अधिकार नहीं है। मैं अपने आत्मसम्मान के साथ समझौता नहीं कर सकता और जो यह दिखाने की कोशिश करता है कि वह जो कहता है वह बाइबल है, वह सपनों की दुनिया में जी रहा है और उस सबसे पुरानी पार्टी के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। इस पोस्ट में भी कैप्टन अजय यादव ने राहुल गांधी को टैग किया।
इस्तीफा स्वीकार होने पर खुलासा करेंगे कैप्टन
कैप्टन अजय यादव ने एक दिन पहले भी सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा था-‘मैं कोई संत नहीं हूं और एक पूर्णकालिक राजनीतिज्ञ हूं तथा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा मेरा इस्तीफा स्वीकार किए जाने के बाद ही मैं अपने भविष्य की रणनीति तय करूंगा तथा कुछ नेताओं द्वारा मेरे राजनीतिक करियर को नुकसान पहुंचाने के लिए की गई कार्यप्रणाली और बाधाओं का खुलासा करूंगा।’
दो दिन पहले छोड़ी पार्टी
बता दें कि दो दिन पहले सोशल मीडिया (X) पर खुद की अनदेखी से खफा होकर कैप्टन ने दो पोस्ट करते हुए कांग्रेस ओबीसी विभाग के चेयरमैन पद छोड़ने सहित पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा देने की जानकारी दी थी। कैप्टन के अचानक पार्टी छोड़ने से कांग्रेस में खलबली मच गई। कैप्टन ने पार्टी छोड़ते हुए कहा कि उनका पार्टी आलाकमान से मोहभंग हो चुका है।
बीजेपी में जाने की अटकलें
पार्टी छोड़ने के बाद कैप्टन अजय यादव के बीजेपी में जाने की अटकलें चल रही है। कैप्टन अजय को लेकर पहले भी कई बार बीजेपी ज्वॉइन करने की चर्चाएं चली थी। 2014 और 2019 के चुनाव से पहले भी इस तरह की चर्चाएं हुई। हालांकि कैप्टन पार्टी में बने रहे। लेकिन अब पार्टी छोड़ने के बाद बीजेपी ज्वॉइन करने की चर्चा ज्यादा है।
बेटे की हार के बाद निराश
पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव हरियाणा कांग्रेस में अपनी अनदेखी से नाराज चल रहे थे। उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले गुरुग्राम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट न देकर राज बब्बर को यहां से मैदान में उतारा था। हालांकि कैप्टन की ये नाराजगी विधानसभा चुनाव आते-आते कम हो गई। इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कैप्टन के बेटे चिरंजीव राव को फिर से रेवाड़ी सीट से चुनावी मैदान में उतारा, लेकिन वह हार गए। उन्हें भाजपा उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह यादव ने 28769 वोटों से हराया है। बेटे की हार के बाद अजय यादव ने पार्टी नेताओं पर लापरवाही के आरोप लगाए थे। उन्होंने OBC विभाग पद को भी झुनझुना बताया था। हालांकि, पार्टी ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की तो 7 दिन बाद कैप्टन यादव ने खुद ही पार्टी से इस्तीफा दे दिया। अजय यादव के बेटे चिरंजीव राव पार्टी के राष्ट्रीय सचिव भी हैं।
लालू यादव के समधी हैं कैप्टन अजय
कैप्टन अजय यादव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के समधी है। कैप्टन के बेटे चिरंजीव राव की 2011 में लालू यादव की बेटी अनुष्का से हुई थी। चिरंजीव भी काफी लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं। यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सहित विभिन्न पदों पर रहने के बाद 2019 में चिरंजीव राव रेवाड़ी सीट से विधायक चुने गए। इससे पहले उनके पिता कैप्टन अजय यादव लगातार 6 बार 1991 से 2014 तक इस सीट से विधायक रहे। कैप्टन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तत्कालीन सरकार में दोनों बार पावरफुल मंत्री भी रहे।