( गगन थिंद) कैथल में किसानों को सरकारी सिस्टम का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। गेहूं के बीज का भंडार होने के बाद भी किसान को बीज नहीं मिल रहा, जिसका कारण है कि सरकार की तरफ से बीज का रेट तय नहीं किया गया।
उधर, गेहूँ बिजाई का समय निकलता जा रहा है। गेहूँ की बिजाई का सीजन जोरों पर होने के कारण किसानों को गेहूँ के बीज की तुरंत आवश्यकता है। किसान गेहूँ का बीज उपलब्ध करवाने वाली सरकारी दुकान पर जाते हैं, तो उनको एक ही जवाब मिलता है कि अभी सरकार की तरफ से बीज का रेट तय नहीं किया गया, किसान बीज मिलने की उम्मीद में हर रोज सरकारी बीज भंडार के चक्की लगा रहे हैं।
बिजाई के लिए खेतों की जमीन तैयार
कैथल के किसान बलविंदर सिंह ने बताया कि गेहूं की बिजाई के लिए खेतों की जमीन तैयार है, अगर समय पर बजाई नहीं हुई तो बाद में बीज कम उपजाऊ होगा। समय पर बजाई होगी तो पैदावार भी अच्छी होगी। उन्होंने कहा कि अगर एक-दो दिन के अंदर सरकार ने बीज उपलब्ध नहीं करवाया तो किस को मजबूरन बीज प्राइवेट दुकान से खरीदना पड़ेगा। जो काफी महंगा मिलता है। जिससे किसान पर दोहरी मार पड़ेगी, इसलिए सरकार जल्दी से जल्दी बीज का रेट तय करें ताकि किसान समय पर गेहूं की बिजाई कर सके।
किसान बोले- बिजाई का सीजन सिर पर
बालू गांव निवासी बलवान ने बताया कि सरकारी बीज केंद्र के गोदाम में माल बहुत है। लेकिन उनको गेहूं का बीज नहीं मिल रहा। बिजाई का सीजन सिर पर है, आधे से ज्यादा किसानों ने बिजाई भी कर ली है। लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक भी बीज का रेट तय नहीं किया गया। अगर किसानों को जल्दी बीज नहीं मिला, तो उनके खेत खाली रह जाएंगे।
6 अक्टूबर से आया बीज को स्टॉक
सरकारी बीज केंद्र के सेल्समैन मोहित कौशिक ने बताया कि उनके केंद्र पर 6 अक्टूबर से बीज आया हुआ है, लेकिन ऊपर से रेट न आने के कारण किसानों को खाली हाथ जाना पड़ता है। वह जब भी इस बारे में अधिकारियों से बात करते हैं, तो वह कहते हैं कि एक-दो दिन के अंदर रेट आ जाएगा, उनको उम्मीद थी कि सरकार की तरफ से आज के दिन रेट जरूर आ जाएगा।
जिले में इसे चार बीज केंद्र
सेल्समैन मोहित ने बताया कि अब तक 15 सौ क्विंटल बीज की स्टेकिंग सेल काउंटर पर हो चुकी है। रेट न होने के कारण हम सेल शुरू नहीं कर पा रहे। उन्होंने बताया कि हर साल यहां से 5 हजार से अधिक क्विंटल बीज की सेल होती है, पूरे जिले में इसे चार बिक्री केंद्र है।