( गगन थिंद ) हरियाणा के कैथल जिले के चीका में एक प्राइवेट अस्पताल में जबरन डिलीवरी के प्रयास में जच्चा और बच्चा दोनों की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने चार घंटे तक यह झूठ बोला कि महिला की स्थिति ठीक है। बाद में, जब महिला से ज्यादा खून बहने लगा, तो उसे पटियाला रेफर कर दिया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई। मृतका की पहचान चानचक गांव की सुनीता (35) के रूप में हुई है, और उसके परिवार ने अस्पताल स्टाफ के खिलाफ चीका थाने में शिकायत दर्ज करवाई है। महिला की मौत के बाद परिजनों ने शव को अस्पताल में वापस लाकर डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया, जिसके बाद डॉक्टर और स्टाफ फरार हो गए।
आरोप- डॉक्टरों ने जबरदस्ती की
परिजनों ने बताया कि शनिवार को सुनीता को दर्द उठा था। सुबह करीब 11 बजे वे उसे चीका के सार्थक अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां करीब 3 से 4 घंटे तक डॉक्टर डिलीवरी के लिए जोर जबरदस्ती करते रहे, जिसके चलते जन्म से पहले ही बच्चे की मौत हो गई। लेकिन इसके बाद भी डॉक्टर महिला और बच्चे के ठीक होने की झूठी बातें करते रहे। इसके बाद जब महिला को बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने लगी, तो डॉक्टर ने पटियाला में अपने किसी जानकार डॉक्टर के प्राइवेट अस्पताल में उसे रेफर कर दिया। महिला को इतनी ज्यादा ब्लीडिंग हो गई कि जब उसे पटियाला के प्राइवेट अस्पताल में लेकर पहुंचे, तो रास्ते में ही उसकी मौत हो चुकी थी।
डॉक्टर स्टाफ के साथ भागा
परिजनों ने कहा कि हम महिला के शव को पटियाला से वापस चीका लेकर पहुंचे। यहां उन्होंने प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही के आरोप लगाए, लेकिन डॉक्टरों ने उनकी एक नहीं सुनी। हंगामा ज्यादा बढ़ा तो डॉक्टर अपने स्टाफ सहित फरार हो गया। इसके बाद महिला के शव को अस्पताल में रखकर डॉक्टरों को गिरफ्तार करने की मांग की गई। हालांकि इसी बीच चीका थाना प्रभारी सब इंस्पेक्टर सुरेश कुमार भी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए और उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया।
थाना प्रभारी बोले- मामला दर्ज किया
चीका थाना प्रभारी सब इंस्पेक्टर सुरेश कुमार ने कहा कि महिला की मौत की सूचना के बाद हम टीम के साथ मौके पर पहुंचे थे। डॉक्टरों के खिलाफ परिजनों की शिकायत मिली है। मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच की जा रही है।