कैथल में डेथ क्लेम हड़पने के लिए जिंदा व्यक्ति को कागजों में मार दिया गया। यहां तक कि नगर पालिका से उसका डेथ सर्टिफिकेट तक बनवा लिया। इसके बाद सरकार से 2.15 लाख रुपए का एक्सीडेंट क्लेम भी हड़प कर लिया। व्यक्ति को इसका पता तब चला, जब वह कॉमन सर्विस सेंटर में किसी काम से गया। वहां कर्मचारी ने कहा कि कागजों में तो आपकी मौत हो चुकी है। इसके बाद उसने CM विंडो में शिकायत दर्ज कराई। जिसमें उसे कागजों में जिंदा करने की मांग की। मामला उजागर होने के बाद पुलिस ने भी अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है।
( गगन थिंद ) कैथल के सिरसल गांव में रहने वाले धर्मपाल ने बताया कि वह मजदूरी करता है। इसी से वह अपने परिवार का गुजारा करता है। इसके लिए उसने सरकारी बीमा योजना के तहत श्रमिकों को मिलने वाले लाभ के लिए 2010 में कॉपी भी बना रखी थी। पिछले साल वह इसी कॉपी की जांच के लिए CSC सेंटर गया। वह जानना चाहता था कि यह कॉपी चल रही है या नहीं। मगर, वहां पहुंचने पर केंद्र के संचालक ने सरकारी रिकॉर्ड देखकर कहा कि तुम्हारी तो एक्सीडेंट में मौत हो चुकी है। इसका डेथ सर्टिफिकेट तक जारी हो चुका है। कर्मचारी ने उसे आगे बताया कि उसके डेथ सर्टिफिकेट पर सरकार की तरफ से बीमा योजना के तहत जो लाभ दिया जाता है, वह भी निकलवाया जा चुका है। चूंकि सरकारी रिकॉर्ड में मौत हो गई, इसलिए उसकी बीमा वाली कॉपी भी बंद हो चुकी है। इसके बाद धर्मपाल ने उसे सरकारी रिकॉर्ड में मारने को लेकर अपने स्तर पर पता लगाना शुरू किया। उसे पता चला कि उसे जुलाई 2023 में ही सड़क दुर्घटना में मरा हुआ दिखा दिया गया। इसे नगर पालिका कैथल में रजिस्टर्ड करा दिया गया। वहीं से इसका डेथ सर्टिफिकेट भी जारी कराया गया। जिसके बाद मजदूरों को मिलने वाली 2.15 लाख की राशि हड़प ली गई। वह नगर पालिका में गए तो इसको लेकर मीटिंग करने के बहाने उसे टालते रहे। SP-DC से भी मिले, कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उसने पूरे कागजात के साथ CM विंडो पर शिकायत कर दी। इस मामले में CM ऑफिस से जांच के आदेश हुए तो पुलिस ने पुंडरी थाने में केस दर्ज कर लिया। सब इंस्पेक्टर महिपाल सिंह ने बताया कि किस व्यक्ति ने फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनाकर उसे सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित कराया।
पीड़ित बोला- कन्यादान स्कीम के लिए दिए थे कागज, मुझे उसी पर शक
इस बारे में धर्मपाल ने कहा कि 2019 में मेरी बेटी की शादी हुई थी। मैंने तब कन्यादान योजना के लाभ की मांग की थी। मगर, जिन्हें कागज दिए, उन्होंने वापस लौटा दिए। इसके बाद मैंने गांव के ही गुलाब नाम के व्यक्ति को अपने कागज दिए थे। उसने कहा था कि मैं कन्यादान योजना की रकम से 60% हिस्सा लूंगा। मैंने कहा कि 1 लाख रुपए मिलने हैं, मुझे 40 हजार मिल जाएंगे तो वह भी ठीक है। उसने मुझे फिर वापस नहीं किए। मुझे उस पर शक है।
सरपंच ने कहा- फर्जी लेटर पैड-मुहर इस्तेमाल हुई
इस मामले में सिरसल गांव की सरपंच सोमा देवी ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में भी आया है। किसी अज्ञात व्यक्ति ने सरपंच की फर्जी मुहर-लेटर पैड बनाए। जिसके बाद उसी पर डेथ के बारे में लिखकर फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवा लिया। पंचायत भी ऐसे आरोपी के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग कर रही है।