( गगन थिंद ) कैथल के लघु सचिवालय में आज भारतीय किसान यूनियन का मेरा वर्ग के प्रतिनिधि 2 दिन की भूख हड़ताल पर बैठे हैं. और उनके समर्थन में कैथल के वकील भी आ गए हैं. किसानों का कहना है कि वह डल्लेवाल का समर्थन कर रहे हैं और सरकार से मांग कर रहे हैं कि किसान जो लंबे समय से पंजाब बॉर्डर पर बैठे हैं उनकी मांगों को माना जाए एम्एसपी पर कानून बने किसान कर्ज मुक्त हो और स्वामीनाथन की रिपोर्ट को लागू किया जाए और जो भी अन्य किसानों की जायज मांग है उन्हें पूरा किया जाए किसानों का कहना है कि जब कृषि कानून को वापस लिया गया था तब सरकार ने वायदा किया था कि एक कमेटी बनाकर एमएसपी पर कानून बनाया जाएगा परंतु अभी तक ऐसा सरकार ने कुछ नहीं किया है सरकार किसानों की अनदेखी कर रही है जिसे किसान बर्दाश्त नहीं करेगा अभी यह सांकेतिक भूख हड़ताल व प्रदर्शन है अगर जरूरत पड़ी तो सभी किसान यूनियन दोबारा इकट्ठा होकर बड़े आंदोलन का आगाज करेंगे।
किसानों पर अत्याचार कर रही सरकार
किसान बॉर्डर पर 10 महीने से शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। मगर सरकार किसानों का दिल्ली जाने वाला रास्ता रोक रही है, जो सही नहीं है। जगजीत सिंह डल्लेवाल भूख हड़ताल पर बैठे हैं। लेकिन सरकार वार्ता करने के बजाय तरह-तरह के हत्थकंडे अपना रही है। किसानों पर बॉर्डर पर आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं। संदीप सिवाच ने बताया कि पिछले दिनों जब बॉर्डर पर शुभकरण शहीद हुआ तो हरियाणा के 12 टोल फ्री किए गए थे। हरियाणा के किसानों की मांग है कि वह बॉर्डर पर बैठे किसानों से बातचीत करे।
किसानों की एकता के लिए प्रयास
किसानों की एकता के लिए प्रयास कर रहे हैं। जब दिल्ली में आंदोलन हुआ तो पूरा किसान संयुक्त मोर्चा एक साथ था, मगर अब बॉर्डर पर अधिकतर पंजाब के किसान संगठन और कुछ हरियाणा के संगठन साथ बैठे हैं। अब प्रयास किया जा रहा है कि हरियाणा और पंजाब के सभी किसान संगठन एक होकर आंदोलन में भाग लें, इसको लेकर भूख हड़ताल शुरू की गई है। डल्लेवाल 22 दिन से हड़ताल पर हैं, उनका समर्थन हरियाणा के किसान कर रहे हैं।