( गगन थिंद ) हरियाणा में अब ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मी मोबाइल और सोशल मीडिया इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। पुलिस हेडक्वार्टर से पत्र लिखकर इस पर रोक लगा दी गई है। उन्हें मोबाइल के अलावा किसी तरह के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के इस्तेमाल की भी मनाही होगी।
कैथल एस पी राजेश कालिया ने बताया कि ड्यूटी के दौरान मोबाइल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन डिवाइस के इस्तेमाल से कर्मचारियों का ध्यान भटकता है। इससे लोगों की सुरक्षा में खलल पड़ने का खतरा होता है। पुलिस की छवि भी खराब होती है।
इसको देखते हुए ड्यूटी के दौरान मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के इस्तेमाल पर रोक का फैसला लिया गया है। पुलिस कर्मचारी अपने नंबर की जानकारी यूनिट प्रभारी को देंगे। ड्यूटी के दौरान कर्मचारियों का मोबाइल जमा रहेगा। इसको रिकॉर्ड में भी रखा जाएगा। इस दौरान वह प्रभारी के नंबर से परिजनों से बात कर पाएंगे
लेटर में लिखी गई 8 अहम बातें, जो इस प्रकार है
सभी पुलिसकर्मी अपने मोबाइल नंबरों की जानकारी यूनिट या यूनिट प्रभारी को देंगे।
पुलिस दल के प्रभारी के अलावा कोई भी कर्मचारी ड्यूटी के दौरान अपने पास मोबाइल या कोई अन्य कम्युनिकेशन डिवाइस नहीं रखेंगे। जब तक कि उन्हें सीनियर अधिकारी विशेष अनुमति न दें। अनुमति मिलती भी है तो उसकी रोजाना एंट्री होगी।
सभी पुलिस थानों, चौकियों, लाइनों में ड्यूटी से पहले कर्मचारियों के मोबाइल रखने के लिए व्यवस्था की जाएगी।
पुलिस दल का प्रभारी अपने अधीन तैनात सभी कर्मचारियों को अपना या कोई अन्य नंबर देगा। कर्मचारी इमरजेंसी पर प्रभारी की अनुमति से परिजनों को कॉल कर सकेगा।
कर्मचारी को अगर प्रभारी डयूटी के दौरान मोबाइल या अन्य डिवाइस ले जाने की अनुमति देता है तो वह ये सुनिश्चित करेगा कि उसका प्रयोग उतना ही किया जाए, जितना ड्यूटी के लिए जरूरी हो।
पुलिसकर्मी ड्यूटी की जगह और मकसद आदि जैसी गोपनीय सूचना को सोशल मीडिया पर साझा नहीं करेंगे।
आधिकारिक संचार के लिए पुलिस विभाग के वायरलेस संचार नेटवर्क का उपयोग किया जाएगा।
सभी यूनिट प्रभारी इन निर्देशों की पालना करवाने के लिए जिम्मेदार होंगे। वे समय-समय पर जांच करेंगे कि उनके अधीन पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान मोबाइल और सोशल मीडिया पर ज्यादा समय तो नहीं बिता रहे हैं।
सोशल मीडिया का जमाना, कर्मी व्यस्त
उन्होंने कहा कि आजकल सोशल मीडिया का जमाना है, ज्यादातर पुलिसकर्मी उसी में व्यस्त रहते हैं, उनके हाथ में हर समय मोबाइल ही होता है, जो फाइल कम और मोबाइल अधिक देखते हैं। मोबाइल में व्यस्त रहने की वजह से जांच अधिकारी का ध्यान भटकता है। जिससे उनकी मानसिकता भी विकृत हो रही है। अगर कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर ध्यान देंगे तो उन्हें मोबाइल देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसलिए फाइल में केवल जो संबंधित इन्वेस्टिगेशन से या और किसी ऑफिशियल काम की वजह से मोबाइल का इस्तेमाल है, वही जरूरी है।
अनुशासन में सुधार करना उद्देश्य
इन निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए सभी जिला पुलिस प्रमुखों को आदेशित किया गया है। उल्लंघन करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस पहल का उद्देश्य पुलिस बल की कार्यकुशलता और अनुशासन में सुधार करना है, जिससे जनता को बेहतर सेवा प्रदान की जा सके।
डीजीपी के प्रमुख निर्देश
मोबाइल का उपयोग निषिद्ध, पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान अपने मोबाइल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग नहीं कर सकेंगे। उन्हें अपने मोबाइल संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों के पास जमा करने होंगे, जो उनके उपयोग का रिकॉर्ड रखेंगे।
आपात स्थिति में संपर्क
आपातकालीन परिस्थितियों में पुलिसकर्मी अपने इंचार्ज या वरिष्ठ अधिकारी के माध्यम से आवश्यक कॉल कर सकेंगे। इससे यह सुनिश्चित होगा कि ड्यूटी के दौरान व्यक्तिगत मोबाइल उपयोग न हो।
सोशल मीडिया गतिविधियों पर निगरानी
कैथल एसपी राजेश कालिया ने कहा कि महिला या पुरुष पुलिसकर्मी द्वारा वर्दी में रील या वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे कृत्यों से पुलिस विभाग की छवि प्रभावित होती है, इसलिए इन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।