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हरियाणा में BSP-ASP बिगाड़ेगी गणित, दलित वोट बंटे तो BJP से ज्यादा कांग्रेस को नुकसान, इनेलो और जजपा से गठबंधन किया

BSP-ASP will spoil the mathematics in Haryana: If Dalit votes are divided, Congress will suffer more than BJP, alliance with INLD and JJP

( गगन थिंद ) हरियाणा के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी  और आजाद समाज पार्टी  ने गणित बिगाड़ दिया है। बसपा ने इनेलो तो ASP ने जेजेपी से हाथ मिलाया है। ऐसे में दलित वोटर किस ओर जाएंगे, इसको लेकर चर्चा तेज हो गई है। हरियाणा में करीब 21 प्रतिशत दलित वोटर हैं, जो चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं। इस बार दलित बोट के बंटने के पूरे चांस हैं। ऐसे में दलित वोट बंटने से BJP से ज्यादा कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। क्योंकि इस बार लोकसभा चुनाव में दलित वोट कांग्रेस को गए थे। कांग्रेस 5 सीटें जीतने में कामयाब रही। इस बार के विधानसभा चुनाव में दलित वोट बैंक काफी महत्वपूर्ण हो गया है। खासकर ऐसे समय में जब कांग्रेस संविधान और आरक्षण को बीजेपी से खतरा बता रही है। ये दोनों ही मुद्दे दलितों के काफी करीब माने जाते हैं। अब इसी वोट बैंक पर इनेलो और जजपा की नजर है। इसी वजह से दोनों पार्टियों ने दलितों की पार्टी मानी जाने वाली बसपा और ASP से हाथ मिलाया है। इस समझौते के तहत जेजेपी 90 में से 70 और ASP 20 सीटों पर पर चुनाव लड़ेगी। वहीं इनेलो और बसपा के समझौते में इनेलो 90 में से 53 और 37 सीटों पर बसपा अपने उम्मीदवार उतारेगी।

2019 में ऐसा रहा था इनेलो और बसपा का प्रदर्शन 

पिछले विधानसभा चुनाव में इनेलो ने प्रदेश की 90 में से 81 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन वह केवल एक सीट ऐलनाबाद ही जीत पाई थी। उसकी 81 में से 78 सीटों पर जमानत जब्त हो गई थी। उस चुनाव में इनेलो को 2.44 फीसदी वोट मिले थे। वहीं बसपा ने 87 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन कोई सीट नहीं जीत पाई थी। 87 में से 82 सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी। बसपा ने इस चुनाव में 4.14 फीसदी वोट हासिल किए थे।

जेजेपी ने जीती थी 10 सीटें

वहीं जेजेपी ने 87 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। 10 सीटों पर जीत हासिल की थी। ​​​​जेजेपी को 14.84 फीसदी वोट मिले थे। इस चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। ऐसे में भाजपा ने जेजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ये गठबंधन टूट गया। दोनों पार्टियों में सीट शेयरिंग को लेकर बात नहीं बनी थी। इसके बाद दोनों पार्टियों ने अकेले-अकेले चुनाव लड़ा। जिसमें दोनों पार्टियों को नुकसान हुआ। भाजपा 5 सीटें ही जीत पाई, वहीं जेजेपी एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर सकी। यही नहीं पार्टी किसी भी विधानसभा सीट पर जीत तक दर्ज नहीं कर पाई थी।

लोकसभा चुनाव में बसपा और जेजेपी का प्रदर्शन

जननायक जनता पार्टी को 2019 के लोकसभा चुनाव में 4.9 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि बसपा को 3.65 प्रतिशत वोट मिले थे। वहीं इनेलो के खाते में केवल 1.9 प्रतिशत वोट गए थे। बीजेपी ने सबसे ज्यादा 58.21 प्रतिशत वोट हासिल किए थे जबकि कांग्रेस को 28.51 प्रतिशत वोट मिले थे।

 

 

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