हरियाणा के फतेहाबाद के रतिया शहर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाखों रुपये की रिश्वतखोरी व भ्रष्टाचार को लेकर आखिरकार रतिया पुलिस ने उपायुक्त के निर्देशों पर जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर नगरपालिका के तत्कालीन सचिव, योजना प्रभारी व पार्षदों सहित आठ लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया है। पुलिस द्वारा मामला दर्ज करने के बाद नगरपालिका अधिकारियों व पार्षदों में खलबली मच गई है। अब मामले की जांच डीएसपी द्वारा की जाएगी।
डेढ़ महीने दिया गया नगरपालिका कार्यालय पर धरना
इस मामले को लेकर डीसी का घेराव भी किया गया। डीसी प्रदीप कुमार ने जांच के लिए एसडीएम सुभाष चंद्र की अध्यक्षता में जिला राजस्व अधिकारी सहित तीन सदस्यों की कमेटी का गठन किया। कमेटी ने करीब 30 शिकायत कर्ताओं के बयान दर्ज किए।
इसमें लोगों ने नगरपालिका अधिकारियों के साथ-साथ पार्षदों पर भी मकान देने की एवज में लाखों की रिश्वत लेने के आरोप लगाए थे। उक्त कमेटी ने 28 मार्च को उपायुक्त को अपनी रिपोर्ट भेज दी। रिपोर्ट के आधार पर उपायुक्त ने एसपी और रतिया पुलिस को केस दर्ज करने की अनुशंसा की।
इन पर दर्ज हुआ केस
रतिया शहर थाना प्रभारी रूपेश चौधरी ने बताया कि रतिया पुलिस ने जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर रतिया नगरपालिका के तत्कालीन सचिव सुरेंद्र कुमार, पीएम आवास योजना के प्रभारी मुकेश कुमार, पार्षद विनोद कुमार, प्रीतपाल कौर, परमजीत कौर, सुरेंद्र कुमार, राजेश कुमार, वेदी सहित 8 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। मामले की जांच डीएसपी द्वारा शुरू कर दी गई है।