केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने अगले शैक्षणिक वर्ष से पूर्व-महामारी एकल-परीक्षा प्रारूप को बहाल करने का निर्णय लिया है। इसका अर्थ है कि दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं को दो भागों में विभाजित किए जाने की संभावना नहीं है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर सीबीएसई ने छात्र हितों का ध्यान रखते हुए बड़ा फैसला किया है। बता दें कि 2021-22 शैक्षणिक वर्ष के लिए सीबीएसई ने दो शर्तों के साथ एक द्विभाजित प्रारूप पेश किया था। इसके तहत टर्म-1 परीक्षा पिछले साल नवंबर-दिसंबर में आयोजित की गई थी जबकि टर्म-2 परीक्षा 26 अप्रैल से शुरू होने वाली है। माना जा रहा है कि छात्रों की मांगों के अनुरूप टर्म-1 परीक्षा के मुकाबले टर्म-2 परीक्षा के लिए छात्रों को अधिक वेटेज दिए जाने की संभावना है।
छात्रों को दो मौकों पर बोर्ड परीक्षा देने का प्रस्ताव
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 का प्रस्ताव है कि सभी छात्रों को एक शैक्षणिक वर्ष में दो मौकों पर बोर्ड परीक्षा देने की अनुमति दी जाए। एक मुख्य परीक्षा और एक परीक्षा अंकों में सुधार के लिए। बोर्ड परीक्षा के उच्च मानक को बनाए रखने के लिए कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए बोर्ड परीक्षा जारी रहेगी। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण 2020-21 शैक्षणिक वर्ष के लिए बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने के बाद तब दो सत्रों में बोर्ड परीक्षा लेने का निर्णय लिया गया था। छात्रों का अंतिम मूल्यांकन पिछली परीक्षाओं, व्यावहारिक परीक्षाओं और आंतरिक मूल्यांकन में उनके द्वारा हासिल किए गए अंकों के आधार पर किया गया था। जबकि इस साल टर्म-1 परिणाम में बहुत सारे छात्रों ने कम मार्क्स दिए जाने की शिकायत की है।
परीक्षाओं की मौजूदा प्रणाली में सुधार करेगा सीबीएसई
कोचिंग कक्षाएं शुरू करने की आवश्यकता को समाप्त करने के लिए सीबीएसई बोर्ड परीक्षा और अन्य प्रवेश परीक्षाओं की मौजूदा प्रणाली में सुधार करेगा। वर्तमान मूल्यांकन प्रणाली के इन हानिकारक प्रभावों को दूर करने और समग्र विकास को प्रोत्साहित करने के लिए बोर्ड परीक्षाओं को फिर से डिजाइन किया जाएगा।
सीबीएसई मौजूदा प्रणाली में करेगा सुधार: विनीता तोमर
सीबीएसई पानीपत जिला कोऑर्डिनेटर विनीता तोमर ने बताया कि सीबीएसई ने अगले शैक्षणिक वर्ष से पूर्व-महामारी एकल-परीक्षा प्रारूप को बहाल करने का निर्णय लिया है। इससे दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं को दो भागों में विभाजित किए जाने की संभावना नहीं है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर सीबीएसई ने छात्र हितों का ध्यान रखते हुए बड़ा फैसला किया है। वहीं, सीबीएसई परीक्षाओं की मौजूदा प्रणाली में सुधार करेगा।