हरियाणा में धान की MSP 3100 रुपए प्रति क्विंटल पर खरीद को लेकर सियासी घमासान मच गया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री नायब सैनी पर हमला बोलते हुए सवाल उठाए हैं कि किसानों की धान की एमएसपी पर खरीद कब शुरू होगी। उन्होंने मुख्यमंत्री सैनी पर भाजपा सरकार के खिलाफ किसानों के हितों की अनदेखी करने के आरोप लगाए हैं।
सुरजेवाला के तीन बड़े आरोप
1. धान की खरीद पर 3100 रुपए का वादा नहीं हुआ पूरा
सुरजेवाला ने नायब सैनी से सीधे सवाल किया कि विधानसभा चुनाव से पहले सार्वजनिक तौर पर 8 अक्टूबर 2024 से धान की MSP 3100 रुपए प्रति क्विंटल पर खरीदने का वादा किया गया था, लेकिन अब किसानों को मजबूरी में अपनी फसल 2300 रुपए प्रति क्विंटल के MSP पर बेचनी पड़ी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 60 प्रतिशत से अधिक किसानों ने अपनी फसल 2000 से 2100 रुपए प्रति क्विंटल पर बेची है, जो सरकार के वादों का उल्लंघन है।
2. DAP की भारी कमी और संकट
सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री सैनी को DAP (डीएपी) खाद की कमी पर घेरते हुए कहा कि कई किसानों को इस खाद की गंभीर कमी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने नरवाना के किसान राम भगत की आत्महत्या का उदाहरण देते हुए कहा कि सरकार के झूठ के कारण किसानों को भयंकर संकट का सामना करना पड़ रहा है।
3. भा.ज.पा. सरकार के झूठ के आरोप
सुरजेवाला ने भाजपा सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश के कई जिलों में DAP की भारी कमी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और भाजपा सरकार किसानों को झूठी जानकारी दे रही है। सुरजेवाला ने चुनौती देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अगर चाहें तो चरखी दादरी, भिवानी, महेन्द्रगढ़, जींद और कैथल जिलों का दौरा करें, तो उन्हें DAP की हाहाकार की असल सच्चाई सामने आ जाएगी।
सीएम नायब सैनी का जवाब और सरकार की स्थिति
कांग्रेस के आरोपों के बीच मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 27 सितंबर से राज्य में धान की MSP पर खरीद शुरू करने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि कई मंडियों में धान की जल्दी आवक के कारण खरीद पहले शुरू की गई। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने किसानों के लिए डिजिटल गेट पास जारी किए हैं और फसल खरीद के बाद 72 घंटों के भीतर किसानों के खाते में राशि भेजने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
इस सीजन में 60 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य है और अब तक 50 लाख से ज्यादा मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है, जिसके एवज में किसानों को 11,296 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का भुगतान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की नीति की वजह से पड़ोसी राज्यों के किसान भी हरियाणा में अपनी फसल बेचने के लिए उत्सुक हैं।
समाज के सामने बड़े मुद्दे
सुरजेवाला और मुख्यमंत्री सैनी के बीच यह बयानबाजी धान की MSP, DAP की कमी और किसानों के संकट के महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर कर रही है। आगामी चुनावों से पहले यह मुद्दा प्रदेश की राजनीति में अहम भूमिका निभा सकता है।