बुधवार को हुई नगर परिषद की सदन की बैठक में परिषद की कार्यप्रणाली में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा। बैठक में पार्षदों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कर्मचारियों पर 25-25 हजार रुपये लेकर अवैध कॉलोनियों में मकान बनाने के आरोप लगाए। साथ ही लाइटों की समस्या पर भी पार्षद बिफरे। उनका आरोप था कि शहर मेें लाइटों की व्यवस्था इतनी बदहाल है कि खराब लाइट को ठीक करवाने तक के लिए रुपये देने पड़ते हैं।
इसके अलावा अवैध अतिक्रमण पर भी कोई कार्रवाई न होने पर पार्षदों ने अपना रोष जताया। वहीं, शहर में रिहायशी कॉलोनियों में मीट की दुकानों पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की।
वार्ड नंबर चार के पार्षद महेश गोगिया ने उनके वार्ड में बने एक मंदिर के महंत की जमीन की प्रॉपटी पूर्व अध्यक्ष की मां के नाम होने पर मुद्दा उठाया। इस पर नगर परिषद की अध्यक्ष ने विभागीय जांच शुरू करने के आदेश दिए। पार्षदों ने यह भी आरोप लगाए कि प्रॉपटी टैक्स की समस्या पर अधिकारी व कर्मचारी पार्षदों तक को सही जवाब नहीं दे पाते हैं
बैठक की शुरूआत में वार्ड नंबर 20 के पार्षद रिंकू सैनी ने हाउस में आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहर के हरिनगर स्थित अवैध कॉलोनी में ही 25 हजार रुपये लेकर मकान बनवा दिया। इस पर अध्यक्ष ने विभागीय जांच शुरू करने के आदेश करते हुए एफआईआर दर्ज करवाने का आदेश दिया।
वार्ड नंबर 22 के पार्षद राजेश ने खराब लाइटों का मुद्दा उठाते हुए कहा चंदाना रोड पर पांच लाइट खराब हैं। इस पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इस पर वार्ड नंबर दो के पार्षद विनोद ने समर्थन करते हुए कहा कि उनके वार्ड में चीका रोड पर डिवाइडर पर लगी लाइटें पिछले डेढ़ साल से खराब है। इसे ठीक करने की जहमत तक नहीं उठाई जाती है। उन्होंने वफ्फ बोर्ड की जमीन को ट्रांसफर करने के लिए प्रस्ताव पारित करने की मांग की। लाइट की समस्या पर वार्ड 11 की पार्षद सुशीला शर्मा ने समर्थन करते हुए लाइट इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। पार्षद ने कहा कि जब लाइट ठीक करने के कर्मचारी आते हैं तो 23 वाट का ब्लब उतारकर नौ वाट का लगा देते हैं। इस पर भी नप अध्यक्ष ने लाइट इंस्पेक्टर को अंतिम चेतावनी दी। अगली बार कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके बाद वार्ड नंबर 22 के पार्षद राजेश ने डेहा बस्ती में एक तरफ किए गए अवैध कब्जे को हटाने की मांग की। इसके साथ ही शहर से मीट की दुकानें हटाने की मांग की। उन्होंने रेलवे अंडरपास बनाने की भी मांग की।
वार्ड नंबर तीन की पार्षद सोनिया ने उनके वार्ड में बने चबूतरे को हटाने की मांग की। इस पर वार्ड नंबर 28 के पार्षद ने नगर परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष पर जानबूझकर कोई कार्रवाई न करने के आरोप लगाए तो दोनों में तीखी बहस हो गई। इस पर कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने अपने पद पर रहते हुए नगर परिषद की एक भी इंच जमीन पर कब्जा नहीं होने दिया। इसके बाद अध्यक्ष ने हस्तक्षेप करते हुए मामला शांत करवाया।