नागौर की धरती पर विभिन्न प्रकार के चमत्कारिक मंदिर बने हुऐ है. आज ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो नागौर के मांझवास गांव में भगवान शिव का मंदिर बना हुआ है. जिसे पशुपतिनाथ महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है. यह मंदिर की स्थापना योगी गणेशनाथ के द्वारा बनवाया गया है |
महंत स्वरुपनाथ महाराज बताते हैं कि इस मंदिर की स्थापना नेपाल नरेश से योगी गणेशनाथजी महाराज ने मुलाकात की उसके बाद नेपाल में बने पशुपति नाथ महादेव मंदिर के महंत नरहरिनाथ से अनुमति लेकर इस मंदिर की नींव रखी. इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करने से पहले योगी गणेशनाथ द्वारा गंगा को जमीन मांझवास के पास स्थित गांव झुंझलाई में जमीन से निकाला तथा मंदिर में स्थापित शिवलिंग की स्थापना से पहले 12 ज्योर्तिलिंग के दर्शन के लिए घुमाया गया था. जिसमें 45 दिन लगे थे. उसके बाद मांझवास में 121 कुण्डीय यज्ञ किया गया |
मांझवास में बना पशुपति नाथ महादेव का मंदिर की शिवलिंग अष्ट धातुओं से बनी हुई है. शिवलिंग के चारो तरफ महादेव जी प्रतिमा बनी हुई है. महंत स्वरुपनाथ महराज ने बताया मंदिर में स्थित शिवलिंग का वजन 16 क्विंटल और 52 किलो है. यह शिवलिंग की स्थापना योगी गणेशनाथ महराज के द्वारा की गई है. पशुपतिनाथ महादेव के मंदिर के अनुसार ही यहां पर दिन में चार बार पूजा होती है |
कुछ यूं है पूजा पद्धति का तरीका
महंत स्वरुपनाथ महराज बताते है कि यदि कोई भक्त यहां पर पूजा करवाता है तो उसके लिए राजस्थानी वस्त्र पहने होने चाहिए. पुरुष या महिला पूजा करवाते है तो पुरुष धोती कुर्ता व साफा पहना होना चाहिए और महिला पूजा करवाती है तो साड़ी या राजस्थानी वस्त्र पहना होना चाहिए.