The Haryana
All Newsचंडीगढ़देश/विदेशनई दिल्लीरूस-यूक्रेनहरियाणा

रूस-यूक्रेन संघर्ष से कच्चे तेल में लगी आग, पहली बार 100 डॉलर के पार पहुंचा ब्रेंट क्रूड का भाव

रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के सैन्य कार्रवाई के एलान के बाद जहां एक ओर दुनियाभर के शेयर बाजार धराशायी हो गए हैं, वहीं दूसरी ओर कच्चे तेल की कीमतों में भी आग लग गई है। गुरुवार को ब्रेंट क्रूड का भाव का भाव पहली बार 100 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया है। 8 वर्षों में पहली बार ब्रेंट क्रूड का भाव इस रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है।

राष्ट्रपति पुतिन ने दी ये बड़ी धमकी

बता दें कि राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई के आदेश दे दिए हैं। पुतिन ने कहा है कि अगर यूक्रेन पीछे नहीं हटता है तो जंग होकर रहेगी। पुतिन ने यूक्रेनी सेना को धमकी देते हुए कहा कि जल्द से जल्द हथियार डाल दें नहीं तो युद्ध को टाला नहीं जा सकता है। पुतिन ने आगे कहा कि अगर कोई दूसरा देश बीच में आता है तो उसके खिलाफ भी जवाबी कार्रवाई होगी।

रूस तीसरा बड़ा तेल उत्पादक

गौरतलब है कि पुतिन के युद्ध की घोषणा से एनर्जी एक्सपोर्ट में व्यवधान की आशंका बढ़ गई है। आपको बता दें कि रूस दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है, जो मुख्य रूप से यूरोपीय रिफाइनरियों को कच्चा तेल बेचता है। यूरोप के देश 20 फीसदी से ज्यादा तेल रूस से ही लेते हैं। इसके अलावा, ग्लोबल उत्पादन में विश्व का 10 फीसदी कॉपर और 10 फीसदी एल्युमीनियम रूस बनाता है।

तेल-गैस सप्लाई पर पड़ेगा असर

रूस नेचुरल गैस का सबसे बड़ा सप्लायर है और क्रूड ऑयल उत्पादन में भी इसका हिस्सा काफी ज्यादा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, रूस वैश्विक मांग का लगभग 10 फीसदी उत्पादन करता है। दोनों देशों के बीच युद्ध शुरू होने के कारण जाहिर है कि क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस की सप्लाई पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा और ईंधन की कीमतों में आग लग जाएगी। बता दें कि यूरोप की निर्भरता रूस पर अधिक है। यूरोप में 40 फीसदी से ज्यादा गैस रूस से ही आती है। इसका सीधा असर आम आदमी पर होगा।

आपूर्ति न होने से बिगडेंगे हालात

पिछले दिनों जारी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि अगर रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होता है तो कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर से 120 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती हैं। नेचुरल गैस की सप्लाई प्रभावित होने से बुरा प्रभाव पड़ेगा। विशेषज्ञों की मानें तो इसमें व्यवधान पैदा होने के कारण देशों को बिजली उत्पादन में भारी कटौती करनी पड़ सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि रूस-यूक्रेन की जंग से तेल की कीमतें आसमान छूने लगेंगी और महंगाई अपने चरम पर पहुंच सकती है। भारत में भी इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। बता दें कि फिलहाल मांग के अनुरूप आपूर्ति न होने के कारण तेल की कीमतें बढ़ रही हैं और युद्ध की स्थिति में तय है कि क्रूड ऑयल की कीमतें और तेजी से बढ़ेंगी यहां तक कि 100 डॉलर के पार पहुंच जाएंगी।

Related posts

10वीं और 12वीं की कंपार्टमेंट की परीक्षाएं 20 जुलाई से शुरू होगी

The Haryana

केंद्रीय बजट- निर्मला के पिटारे से हरियाणा को बड़ी आस, केंद्र की योजनाओं में मिलेंगे 63280 करोड़

The Haryana

बोर्ड ने 10वीं-12वीं की परीक्षा में 30 फीसदी तक घटाया पाठ्यक्रम, कोरोना काल में स्कूल बंद रहने के कारण लिया फैसला

The Haryana

Leave a Comment

error: Content is protected !!