जिला जेल में औचक निरीक्षण के दौरान डीसी की नजर कैदियों और बंदियों के बच्चों पर भी पड़ी। महिला कक्ष में उन्होंने बच्चों से मुलाकात की और बच्चों के लिए तुरंत प्रभाव से बाजार से खिलौने मंगवाए तथा कहा कि बच्चों के लिए पोशाकों, जूते-चप्पलों के साथ-साथ पाठ्य चार्ट की व्यवस्था भी करवाई जाएगी, ताकि बच्चे अपनी रूचि अनुसार पढ़ सकें। उन्होंने जेल अधीक्षक को निर्देश दिए कि बच्चों का विशेष ध्यान रखा जाए और यदि किसी प्रकार की समस्या है तो उन्हें अवगत करवाया जाए।
कैथल. डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल ने वीरवार को जिला जेल का निरीक्षण किया। उन्होंने बंदियों के वार्डों में जाकर बंदियों की समस्याएं व शिकायतें भी सुनी। उन्होंने महिला वार्ड के साथ-साथ अन्य वार्डों का भी जायजा लिया तथा जिला जेल अधीक्षक से पूरी फीडबैक भी ली। कैदियों और बंदियों द्वारा शिकायत की गई कि जेल में मैडिकल सुविधा नहीं है, इस पर उपायुक्त ने सिविल सर्जन को जेल अधीक्षक के साथ मिलकर व्यवस्था करने के निर्देश दिए। कपड़े धोने व नहाने के लिए साबून इत्यादि की व्यवस्था के दृष्टिगत डीसी ने जेल अधीक्षक से पूछा तो जेल अधीक्षक संजय बांगड़ ने कहा कि जेल में कैंटीन की व्यवस्था है और कोई भी बंदी या कैदी वहां से उचित मूल्य पर सामान ले सकता है।
औचक निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने मुलाकात कक्ष, लंगर ब्लॉक व अन्य कक्षों का भी दौरा किया। खाना प्रबंधन विषय पर जेल प्रशासन से जानकारी मांगी। इस पर पुलिस अधीक्षक बांगड़ ने बताया कि निर्धारित मापदंड के तहत कैदियों और बंदियों के लिए खाने की व्यवस्था है। किसी को कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए गाईड लाईन के हिसाब से उनका ख्याल रखा जाता है। कैदी सप्ताह में एक बार मुलाकात कर सकते हैं, जबकि हवालाती दो बार मुलाकात कर सकते हैं। अपने परिजनों से बात करने के लिए पिक मशीन की व्यवस्था भी है, जिससे संबंधित कैदी और बंदी घरवालों से बात कर सकते हैं। सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाता है।