सरकारी स्कूलों में शिक्षा के अस्तित्व को बचाए रखने के चलते बुधवार को राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ की अध्यक्षता में लघु सचिवालय के समक्ष दो घंटे धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे खंड प्रधान महावीर न्यौल ने बताया कि मॉडल स्कूलों में फीस का नियम शुरू करना और राजकीय स्कूलों के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने पर सरकार की ओर से फीस अदा करने के आदेश से सरकार की गलत नीतियों को दर्शा रहा है। इन गलत नितियों के चलते जल्द ही सरकारी शिक्षा प्रणाली निजी हाथों में चली जाएगी।
सरकारी स्कूलों में आधारभूत सुविधाओं से लेकर शिक्षकों की कमी, किताबें उपलब्ध न करवाना ये सब एक सोची समझी चाल ही है। इससे भी बढ़कर इस बार तय साजिश के तहत परिवार पहचान पत्र की शर्त थोपना ताकि दाखिले ही ना हो पाएं सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को लगातार गैर शैक्षणिक कार्यों , उनके प्रमोशन , एसीपी, एलटीसी जैसे लाभ जानबूझकर रोकना एक चाल है ताकि हम इनमें उलझे रहे और विभाग अपनी निजीकरण की योजना में सफल हो जाएं।
सरकार व शिक्षा विभाग की इन सरकारी स्कूलों में विरोधी कदमों के खिलाफ मंगलवार से हर ब्लॉक मुख्यालय पर तीन बजे से पांच बजे तक अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है । उन्होंने बताया कि सार्वजनिक शिक्षा बचाओ जन आंदोलन की शुरुआत करने जा रहे हैं। 28 अप्रैल को नाथूसरी चौपटा व 29 अप्रैल को रानियां खंड में प्रदर्शन किया जाएगा। इस मौके पर जिला प्रधान बंसीलाल झोरड़, विजय शर्मा, सोनिया कटारिया व पिंकी देवी मौजूद रही।
नई शिक्षा नीति के विरोध में हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ लगाए धरना: देवी लाल
रानियां| केन्द्र सरकार द्वारा लागू की गई नई शिक्षा नीति 2020 जो सरकारी विद्यालयों के ढांचे को समाप्त कर देगी इसके विरोध में हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ रानियां के आह्वान पर आगामी शुक्रवार सायं 3 से 5 बजे तक खण्ड शिक्षा अधिकारी रानियां के कार्यालय में धरना लगाकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन बीइओ को सौंपेंगे। संघ के प्रधान देवी, सर्व कर्मचारी संघ सचिव दविन्द्र सिंह काहलो, संघ सचिव राजबीर ,जिला आडिटर सतपाल सिंह, जिला संघटन सचिव धर्मवीर ने कहा कि सरकार गरीब बच्चों से संविधान द्वारा प्रदान शिक्षा का मौलिक अधिकार छिन्ने का कार्य कर रही है।