करनाल में शिक्षामंत्री कंवरपाल गुर्जर ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि केजरीवाल की दिल्ली में सरकार है, वहां पर अभी तक विधायकों की एक पेंशन का नियम क्यों लागू नहीं किया गया। प्रदेश में काफी सुधार किए हैं। जरुरत पड़ने पर पेंशन का नियम भी लागू किया जाएगा। वहीं 134ए को दोबारा से लागू करने के पीछे की विस्तृत जानकारी दी। साथ ही 48 हजार रुपये के गबन के आरोप में बिजली विभाग के जेई को सस्पेंड करने के आदेश दिए। जेई पर गबन मामले की पहले ही जांच चल रही है।
शिक्षामंत्री कंवरपाल गुर्जर करनाल में जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आज 13 समस्याएं थे। सभी का समाधान किया गया। एक गांव में पीने के पानी की समस्या रही। जिसको दो महीने में हल करने के आदेश दिए हैं। बिजली विभाग के जेई को सस्पेंड किया गया है। जिसके खिलाफ पहले भी इंक्यूवारी चल रही थी।
सवाल : 134ए की स्थिति क्या है?
शिक्षामंत्री : 134ए को हमने समाप्त करके आरटीई लागू किया। 25 फीसदी बच्चों के दाखिल पहली कक्षा में होंगे। इसके बाद हमारे पास अभिभावकों की शिकायतें आई कि आरटीआई तो पहली कक्षा में लागू होती है। हमारे तो बच्चे बड़े हैं ऐसे में उनको लेकर कहां जाएं। आरटीई के तहत आठवीं कक्षा तक उसी स्कूल से शिक्षा लेगा। वहीं दूसरी कक्षा से 134ए को लागू किया गया। ऐसे में इन स्कूलों में पहले जो फीस राशि 300 रुपये होती थी उसे बढ़ाकर 700 रुपये कर दिया। 500 रुपये को 900 रुपये और 700 रुपये को 1100 रुपये कर दिया। इस राशि में स्कूल दाखिला देने को तैयार है। जो भी ऐसे अभिभावक हैं, जिनकी 1 लाख 80 हजार रुपये से कम हैं, वो इसका लाभ ले सकेंगे।
सवाल : कई स्कलों की फीस बढ़ने से अभिभावक परेशान हैं?
शिक्षामंत्री : हमने नियम बनाया कि कोई भी स्कूल पांच प्रतिशत से ज्यादा फीस में बढ़ोतरी नहीं कर सकते। पांच साल से पहले अपनी वर्दी का रंग नहीं बदल सकेगा।
सवाल : केजरीवाल ने हरियाणा में विधायकों की एक पेंशन करने के प्रश्न उठाया है।
शिक्षामंत्री : आप पार्टी की सरकार दिल्ली में भी है। वहां पर विधायकों की एक पेंशन क्यों नही की। हमने प्रदेश में काफी सुधार किया है। आगे जरुरत पड़ी तो ये कदम भी उठाया जाएगा।
सवाल : किताबें काफी महंगी मिल रही हैं।
शिक्षामंत्री : अभिभावकों को चुनिंदा दुकानों से किताबें खरीदने के लिए मजबूर करने वाले स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए लेटर जारी किया हुआ है। इसके लिए एक कमेटी भी गठित की गई है। कुछ स्कूलों ने सुझाव दिया था कि एनसीआरटी की पुस्तक कठिन है, उस पर विचार किया जा रहा है।