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हरियाणा में हो सकती है बिजली महंगी, वितरण कंपनियां दिखा रहीं साढ़े 4 हजार करोड़ का घाटा

(RICHA DHIMAN) हरियाणा में बिजली की दरों पर आज फैसला होगा। निकाय चुनावों के बीच हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (HERC) ने स्टेट एडवाइजरी कमेटी (SAC) की मीटिंग बुलाई है। इसमें बिजली की दरों और राजस्व घाटे पर चर्चा कर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।

हरियाणा सरकार ने 2019 से बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं की है। इसी बीच हरियाणा में बिजली वितरण कंपनियां घाटे की दुहाई देते हुए बिजली शुल्क बढ़ाना चाहती हैं।

उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड (UHBVNL) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड (DHBVNL) ने 2025-26 के लिए कुल राजस्व आवश्यकता (ARR) के लिए 4520 करोड़ रुपए मांगे हैं।

HERC चेयरमैन नंदलाल शर्मा की अगुवाई में बैठक
मीटिंग में इन 4 अहम मुद्दों पर चर्चा होगी…
  1. बिजली दरों में कटौती या बढ़ोतरी प्रदेश में वर्ष 2019 से बिजली शुल्क में बढ़ोतरी नहीं की गई है। इससे बिजली वितरण कंपनियों का घाटा बढ़ा है। इस पर HERC ने बिजली कंपनियों को 4520 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे को पूरा करने के लिए कोई ठोस प्लानिंग देने को कहा है।
  2. बिजली क्षेत्र के सुधारों पर जोर HERC चेयरमैन नंद लाल शर्मा की अगुआई में होने वाली बैठक में आगामी वित्तीय वर्ष के लिए बिजली टैरिफ को अंतिम रूप दिया जाएगा। साथ ही बिजली वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिरता, उपभोक्ता हितों की सुरक्षा और हरियाणा के बिजली क्षेत्र में सुधारों पर चर्चा की जाएगी।
  3. राज्य के थर्मल पावर प्लांट्स का रिव्यू मीटिंग में तकनीकी और वाणिज्यिक हानि को कम करने, स्मार्ट मीटरिंग को बढ़ावा देने और उपभोक्ता शिकायत निवारण के लिए आईटी-आधारित समाधानों पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा, हरियाणा के थर्मल पावर प्लांट्स की दक्षता की समीक्षा की जाएगी, ताकि उनके काम में सुधार के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके।
  4. PM सूर्य घर फ्री बिजली योजना का मूल्यांकन मीटिंग में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (केंद्रीय सौर छत योजना) के तहत हुई प्रगति का मूल्यांकन किया जाएगा, ताकि राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को तेजी से बढ़ाया जा सके। इस बैठक में लिया फैसला हरियाणा में बिजली टैरिफ, वितरण कंपनियों के परिचालन सुधार और उपभोक्ता सेवाओं को बेहतर बनाने से जुड़ा होगा।

यह होता है कमेटी का स्ट्रक्चर

हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (HERC) की राज्य सलाहकार समिति (SAC) में विभाग से जुड़े सभी मुख्य अधिकारी शामिल होते हैं। इनमें DHBVNL, UHBVNL, HPGCL, HVPNL के प्रबंध निदेशक और हरियाणा सरकार में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के महानिदेशक मौजूद होते हैं।

इनके अलावा इस समिति में राज्य सरकार के अधिकारी, उद्योग, वाणिज्य, शिक्षाविदों, अनुसंधान, उपभोक्ताओं, श्रम और गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल होते हैं। समिति का कार्यकाल 3 साल का होता है। इस समिति की बैठकों की अध्यक्षता HERC के चेयरमैन करते हैं। इन बैठकों का मकसद बिजली टैरिफ समेत अन्य व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देना होता है।

FSA वसूलने का फैसला ले चुकी सरकार

हरियाणा सरकार ने बिजली पर लगने वाले फ्यूल सरचार्ज एडजस्टमेंट (FSA) को 2026 तक के लिए बढ़ा दिया है। इससे लोगों को बिजली बिल पर प्रति यूनिट 47 पैसे FSA देना होगा। लोगों को अगले साल तक 201 यूनिट बिजली बिल पर 94.47 रुपए अतिरिक्त देने होंगे।

सरकार ने बिजली निगम पर बढ़ रहे डिफॉल्टिंग अमाउंट के चलते यह वसूली जारी रखी है। हालांकि, पहले सरकार ने बिजली निगम के फायदे में आने पर इसे खत्म कर दिया था। मगर, घाटा होने पर अप्रैल 2023 में FSA लागू कर दिया। इसे अब लगातार बढ़ाया जा रहा है।

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