( गगन थिंद ) BJP सांसद, एक्ट्रेस कंगना रनोट अपकमिंग मूवी इमरजेंसी विवादों से घिर गई है। कंगना की ये फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में लगाई गई इमरजेंसी पर बनाई गई है। पंजाब के निर्दलीय सांसद सर्बजीत सिंह खालसा ने फिल्म में दिखाए गए दृश्यों पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि इसमें सिखों को गलत तरीके से पेश किया गया है। उन्होंने केंद्र सरकार को लेटर लिखकर फिल्म की रिलीज रोकने की मांग की है।
फरीदकोट से सांसद सर्बजीत सिंह खालसा ने कहा, ”नई फिल्म ‘इमरजेंसी’ में सिखों को गलत तरीके से पेश करने की खबरें सामने आ रही हैं, जिससे समाज में शांति और कानून की स्थिति बिगड़ने की आशंका है। अगर इस फिल्म में सिखों को अलगाववादी या आतंकवादी के रूप में दिखाया गया है तो यह एक गहरी साजिश है। यह फिल्म एक मनोवैज्ञानिक हमला है, जिस पर सरकार को पहले से ध्यान देकर दूसरे देशों में सिखों के प्रति नफरत भड़काना बंद कर देना चाहिए।”
फिल्म नफरत फैलाने का काम करेगी
सांसद सर्बजीत खालसा ने कहा है कि देश में सिखों पर नफरत भरे हमलों की खबरें अक्सर सामने आती रहती हैं। ऐसे में यह फिल्म सिखों के प्रति और नफरत फैलाने का काम करेगी। सिखों ने इस देश के लिए बहुत बड़ी कुर्बानियां दी हैं, जो फिल्मों के जरिए पूरी तरह सामने नहीं आई हैं। लेकिन सिखों को बदनाम करने की हर संभव कोशिश की जा रही है।
फिल्म में दिखाया आतंकवाद का दौर, भिंडरावाले का कैरेक्टर भी रखा
कंगना ने कुछ दिन पहले इस फिल्म का ट्रेलर अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर शेयर किया था। जिसमें पंजाब में 1980 के दशक में आतंकवाद के दौर को भी दिखाया गया है। इसमें एक कैरेक्टर को जरनैल सिंह भिंडरांवाला भी बनाया गया है। जिसे कट्टरपंथी सिख संत के तौर पर देखते हैं। सर्बजीत खालसा का मानना है कि फिल्म में ब्लू स्टॉर ऑपरेशन को लेकर भी फिल्माया गया है, जो जरनैल सिंह भिंडरांवाला को खत्म करने के लिए ही चलाया गया था।