हरियाणा के फतेहाबाद के गांव ढिंगसरा के बहुचर्चित ऑनर किलिंग मामले में आज 22 मार्च को सजा का दिन है। गांव डोबी के धर्मबीर ने शीशवाल गांव में मामा के घर रह रही सुनीता के साथ अंतरजातीय प्रेम विवाह किया था। इससे गुस्साए सुनीता के परिजनों, रिश्तेदारों ने धर्मबीर की तड़पा-तड़पा कर बर्बर तरीके से हत्या कर दी थी। फतेहाबाद के ADJ कोर्ट ने 17 मार्च को 16 को दोषी करार दिया था। फतेहाबाद के न्यायिक इतिहास में ऐसा पहली बार होगा, जबकि एक साथ 16 को सजा सुनाई जाएगी। पीड़ित पक्ष फांसी की मांग रहा है। बहरहाल मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। हर द्वार पर पुलिस का पहरा लगा दिया गया है। आने जाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
ये था इस खौफनाक मर्डर का मामला
डोभी गांव का रहने वाला धर्मबीर प्राइवेट बस पर ड्राइवर था। निजी बस चलाता था। वहीं गांव मंगाली की सुनीता अपने मामा के घर हिसार के गांव शीशवाल में रहती थी। वह बस से आदमपुर पढ़ने जाती थी। धर्मबीर-सुनीता का प्यार यहीं से परवान चढ़ा। दोनों की जाति अलग-अलग थी और परिजन उनकी शादी को तैयार नहीं हुए। दोनों ने मार्च 2018 में घर से भाग कर सिरसा के छत्रपति मंदिर में लव मैरिज कर ली। सिरसा कोर्ट में दोनों ने सुरक्षा मांगी तो उनको सेफ हाउस भेज दिया गया। सुनीता की शादी से उसके परिजन भड़के हुए थे।
ढिंगसरा से किया था दोनों का अपहरण
कुछ दिन सेफ हाउस में रहने के बाद धर्मबीर अपने मामा के पास ढिंगसरा चला गया। 1 जून 2018 को युवती के परिजन ढिंगसरा गांव पहुंचे और वहां पर हवाई फायर कर धर्मबीर और सुनीता का अपहरण कर लिया। इसके बाद धर्मबीर के मामा ने पुलिस में शिकायत दी थी। पुलिस ने युवती को सीसवाल से बरामद किया था, लेकिन युवक का कहीं कोई अता-पता नहीं चला था। पुलिस के अनुसार धर्मबीर घर में अकेला रहता था। उनके पिता का दस साल पहले देहांत हो गया था। उनकी माता का घटना से चार साल पहले देहांत हुुआ था। धर्मबीर का बड़ा भाई था वो अलग रहता था।
धर्मबीर को मार डाला
बाद में मामले का खुलासा हुआ था। धर्मबीर के बारे में कुछ पता नहीं चला था। उसके बाद पुलिस ने साइबर सेल की मदद से गुत्थी को सुलझाया तो सामने आया कि धर्मबीर की सीसवाल गांव में हत्या की गई थी। हत्या करने के बाद शव को नहर में फेंक दिया था। बाद में शव राजस्थान के हनुमानगढ़ के पास सिद्धमुख नहर से बरामद हुआ था।
ट्युबवैल के कोठे में हुई बर्बरता
पूछताछ में खुलासा हुआ कि धर्मबीर की हत्या बड़ी बर्बरतापूर्ण तरीके से की गई। अपहरण के बाद उसे गांव सीसवाल में ट्यूबवेल के कोठे पर लेकर गए थे। यहां पर उसको डंडों व रबड़ के पट्टों से बेरहमी से पीटा गया। वह दर्द से कराह कर बेसुध हो जाता। होश आने पर उसे फिर से पीटा जाता। धर्मबीर को जब भी प्यास लगती तो हत्यारे उसे ठंडा पानी पिलाते रहे, जिस कारण धर्मबीर ने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया था।
कोर्ट ने इनको दिया हत्यारा करार
भट्टूकलां पुलिस थाना में 1 जून 2018 को ढिंगसरा निवासी रायसिंह की शिकायत पर उसके भांजे धर्मबीर की हत्या के आरोप में सुंदरलाल, शेर सिंह, बलवान, विक्रम, भंवर सिंह उर्फ भंवरा, बलराज सिंह, नेकीराम, रवि, धर्मपाल उर्फ जागर, रवि, दलबीर, सुरजीत, श्रीराम, साहबराम, वेदप्रकाश, वीरूराम, विनोद कुमार, बलबीर सिंह के खिलाफ भादंसं की धारा 146, 149, 285, 364, 452, 302, 201, 120बी व आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। इन 17 आरोपियों में से श्रीराम की कोर्ट ट्रायल के दौरान मौत हो गई है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. पंकज की कोर्ट ने 17 मार्च को 16 को हत्यारा करार दिया है। सजा 22 मार्च को सुनाई जाएगी।
यहां पहली बार 16 को होगी सजा
फतेहाबाद के इतिहास में अभी तक एक साथ एक ही मामले में 16 लोगों को सजा नहीं सुनाई गई है। यह पहला ऐसा मामला होगा, जिसमें इतने दोषियों को एक साथ सजा सुनाई जाए। इसको देखते हुए कोर्ट परिसर की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। हर आने जाने वाले की गतिविधि जांची जा रही है। कोर्ट परिसर के हर द्वार पर पुलिस की तैनाती है।
फांसी की सजा भी संभव
फतेहाबाद कोर्ट के एडवोकेट रोहताश बिश्नोई का कहना है कि जिस प्रकार की धाराएं ऑनर किलिंग के इस मामले में लगी हुई हैं, उससे स्पष्ट है कि फांसी या फिर आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा सकती है। एक साथ इतने लोगों को दोषी करार दिया गया है उससे स्पष्ट है कि दोषियों का कृत्य रहम के लायक नहीं है। बता दें कि पीड़ित पक्ष के वकील की ओर से भी कोर्ट में गुहार लगाई गई है कि दोषियों को फांसी की सजा दी जाए। अब सब की नजरें आज के कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई हैं।