आम बजट से एक दिन पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया, जिसमें उन्होंने देश की जीडीपी, महंगाई और रोजगार के मोर्चे पर अहम आंकड़ों को देश के सामने रखा. खास बात है कि देश में रोजगार से जुड़े आंकड़े राहत देने वाले रहे. क्योंकि, EPFO यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की सदस्यता में FY15 से FY24 तक 8.4% की वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की गई. यह दर FY19 में 61.1 लाख से बढ़कर FY24 में 131.5 लाख हो गई. देश में नई नौकरी पैदा करने और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने PLI योजना, पूंजीगत व्यय में वृद्धि, और रोजगार से जुड़ी विभिन्न पहलों को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय लागू किए हैं. आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना में मार्च 2024 तक 1.5 लाख प्रतिष्ठानों में 60.5 लाख व्यक्तियों को रोजगार मिला. 2015 में शुरू हुआ NCS पोर्टल मार्च 2024 तक 4.1 करोड़ नौकरी चाहने वालों और 25.6 लाख नियोक्ताओं को आकर्षित कर चुका है. इस पहल में 407 मॉडल करियर सेंटर और 46,000 आयोजन शामिल हैं. FY24 में FY23 की तुलना में नौकरियों के लिए चुने गए उम्मीदवारों में 52% की वृद्धि हुई है.
-ई-श्रम पोर्टल यह पोर्टल, जो असंगठित श्रमिकों का पहला राष्ट्रीय डेटाबेस है, इसमें 29 करोड़ से अधिक रजिस्टर्ड श्रमिक हैं. इसका उद्देश्य नौकरियों की खोज को सुगम बनाना और विभिन्न सरकारी योजनाओं के साथ एकीकृत करना है. अनुबंधित कार्यबल, कॉन्ट्रैक्ट वाले कर्मचारियों की संख्या में पिछले दशक में 13.2% की बढ़ोतरी हुई है. फ्लेक्सी जॉब्स कुल कार्यबल का केवल 1% है, जो इस क्षेत्र में और विकास की संभावना को दर्शाता है. इन बातों से यह स्पष्ट होता है कि रोजगार पैदा करने और इस क्षेत्र में सरकार की पहलें और आर्थिक सुधार एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.