हरियाणा पुलिस भर्ती फर्जीवाडे में एसआईटी ने 47 आरोपियों को गिरफ्तार किया, परंतु इनमें से 42 को जमानत मिल चुकी है। गिरोह के मुख्य सरगना रामफल व कुलदीप ही अब जेल में बंद हैं। हालांकि पुलिस ने 17 फरवरी को तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनकी पहचान सुनील कुमार गांव कलौंद जींद, मंदीप गांव डाड जिला हिसार बरवाला, रविंद्र धुआ निवासी गांव चैनत, हांसी हिसार के रुप में हुई है। फर्जीवाड़े में अब 8 मामले दर्ज हैं व 47 आऱोपियो को गिरफ्तार किया जा चुका है।
पुलिस की दलीलें अदालत में नहीं आई काम
मामले में आरोपियों पर जिन संगीन धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ था, उसके तहत वे लंबे समय तक जेल में नहीं रहे। पुलिस ने अधिकतर केसों में रिकॉर्ड को प्रभावित करने वाली दलीलें अदालत के समक्ष रखीं। परंतु अदालत ने माना कि रिकॉर्ड को प्रभावित नहीं किया जा सकता। क्योंकि रिकॉर्ड का मामला पुलिस और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के बीच का है। इसलिए आरोपी जांच को प्रभावित नहीं कर सकते।
आयोग से मांगा ड्यूटी रजिस्टर
एसआईटी ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग से भर्ती के समय फिजिकल और स्क्रीनिंग के समय जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई थी, उन्हें जांच में शामिल करने के लिए ड्यूटी रजिस्टर मांगा है, ताकि आरोपियों के खिलाफ केस को सॉलिड बनाया जा सके और सबूत जुटाए जा सकें। एसआईटी इंचार्ज विजय कुमार का कहना है कि आयोग से रिकॉर्ड मांगा गया है।
ये है मामला
हरियाणा पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने पीएमटी के दौरान बायोमीट्रिक अटेंडेंस न लगने पर कुछ संदिग्ध उम्मीदवारों को पकड़ा। जांच में पाया कि फिजिकल और लिखित परीक्षा में अलग-अलग उम्मीदवार बैठे। इस पर आयोग ने जांच शुरू की तो करीब 133 उम्मीदवार संदिग्ध मिले। मामले की जांच पुलिस को सौंपी गई तो पुलिस ने करीब 8 एफआईआर दर्ज कीं।