बिरला ऑडिटोरियम में दो दिवसीय राजस्थान डीजी फेस्ट की शुरुआत हो चुकी है। सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से आयोजित हो रहे इस फेस्ट में नवीनतम आईटी टेक्नोलॉजी के बारे में चर्चा की जा रही है। इस डीजी फेस्ट में 2 दिन टैक्नो एक्सपर्टस भी सेशन दे रहे है। गवर्नमेंट लेवल पर यूज हो रही आईटी टैक्नॉलोजी के बारे में भी इस फेस्ट में बताया जा रहा है।
जितेंद्र कुमार शर्मा ने बाताया इमित्र के बाद अब इमित्रा प्लस पब्लिक के लिए एक बहतरीन टैक्नॉलीजी है। जहां लोग पहले अपने बिल भरने, अपने सरटिफिकेट निकालवाने के लिए या तो लाइनों में धक्के खाते थे या फिर इमित्र पर जा कर 50 से 100 रुपए अपने काम का भुक्ता करते थे। अब इमित्रा प्लस ने ना केवेल इन्हीं काम को आसान किया है बल्की इन कामों के पैसे भी कम कर दिए है। जो काम पहले 50 से 100 रुपए में होता था वहीं ईमित्रा प्लस की मदद से 10 से 30 रुपए में हो जाता है। साथ ही आपको ईमित्रा प्लस के लिए किसी आदमी से डील करने की जरूरत नहीं पढ़ती ये एक एटीम मिशीन की तरह आपके इंस्ट्रक्शन पर आपके डिटेल भरने पर कम दाम में बिना किसी झंझट के आपका काम पूरा कर देता है। ये टैक्नॉलोजी जयपुर ही नहीं बलकी गांव ढाणीयों में भी शुरु कर दी गई है।
मेडिकल आईटी टैक्नॉलिजी से रखते है दवा और इक्विपमेंट का रिकॉर्ड
जॉइंट डायरेक्टर राजस्थान मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन विक्रम सिंह साखला ने बताया की मैडिकल लाईन भी काफी टैक्नोप्रैंडली मॉडल पर काम कर रही है।फ्री दवाइयों के रिकॉर्ड के साथ पेशेट की भी पूरी जानकारी रहती है। ये सभी डिटेल्स ईओएसडी ऐप्लीकेशन में मौजूद रहती है। जिससे एक्सपाइरी, मैन्यूफैक्चरिंग से लेकर किस हॉसपिटल से वो दवाई दी गई है इस तक का रिकॉर्ड रहता है। मेडिकल इक्विपमेंट को लेकर भी ई उपकरण ऐप यूज करते है। इस ऐप की मदद से पूरे राजस्थान के एक लाख इक्विपमेंट हैं उनके बारे में एक सिंगल किलिक में पता चल जाता है कौनसा इक्विपमेंट फंक्शनल है कौनसा नॉन फंक्शनल है। इक्विपमेंट की कमप्लेंड से लेकर इक्विपमेंट की रिसॉल्यूशन तक सब पता चल जाता है। इसी तरह से पीसीटएस ऐप, आशा शॉप्ड, उड़ान एप है उड़ान की जो भी डिलिवरी हम एक लाख लोकेशन पर करवा रहे है उसाका भी पूरा डीटेल यहां मेंनशन है।