( गगन थिंद ) हरियाणा BJP ने चुनाव आयोग को लेटर लिखकर विधानसभा चुनाव की तारीख बदलने की मांग की है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने लेटर में लिखा है कि 28 से 29 सितंबर को शनिवार-रविवार है। 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी, जबकि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती और 3 अक्टूबर को अग्रसेन जयंती की छुट्टी है। इतनी लंबी छुट्टियों में वोटर बाहर घूमने निकल जाएंगे। इससे वोटिंग कम हो सकती है। बड़ौली ने लेटर में यह भी बताया कि 2 अक्टूबर को राजस्थान में मुकाम धाम में आसोज का मेला शुरू होगा। यह बिश्नोई समाज का बड़ा धार्मिक कार्यक्रम है। इस मेले में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली से लोग पहुंचते हैं। हरियाणा में बिश्नोई समाज की जनसंख्या अधिक है। इसका असर भी वोटिंग पर हो सकता है।
इनेलो ने भी भाजपा की तरह चुनाव आयोग से वोटिंग तारीख आगे बढ़ाने की मांग की है। इनेलो नेता अभय चौटाला ने कहा- आम तौर पर लोग वीकेंड में छुट्टी पर जाते हैं। इससे मतदान 15 से 20% कम हो सकता है।
मालूम हो कि चुनाव आयोग ने 16 अगस्त को हरियाणा में चुनाव का ऐलान किया था। यहां 1 अक्टूबर को वोटिंग और 4 अक्टूबर को रिजल्ट आएंगे। बिश्नोई महासभा ने भी चुनाव आयोग को लेटर लिखा अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा ने भी मुख्य चुनाव आयुक्त को लेटर लिखकर चुनाव की डेट बदलने की मांग की है। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुडिया ने कहा कि एक अक्टूबर को राजस्थान के बीकानेर में बड़े मेले का आयोजन होगा। इसमें बिश्नोई समाज के काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में चुनाव की डेट बदली जाए।
बिश्नोई समाज का 11 विधानसभा क्षेत्रों में असर
बिश्नोई समाज की वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक भिवानी, हिसार, सिरसा और फतेहाबाद जिलों में बिश्नोई बाहुल्य गांव हैं।
इनका असर करीब 11 विधानसभा क्षेत्रों में है। जिनमें करीब डेढ़ लाख वोट है। इसमें आदमपुर, उकलाना, नलवा, हिसार, बरवाला, फतेहाबाद, टोहाना, सिरसा, डबवाली, ऐलनाबाद, लोहारू विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। कांग्रेस बोली- बहाने बना रही भाजपा
भाजपा के लेटर के बाद कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखा, ‘छुट्टी होना तय है, इसलिए छुट्टी का बहाना बना रहे हैं।’ तो कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने लिखा, ‘यह दर्शाता है कि बीजेपी चुनाव से किस कदर घबराई हुई है। अपनी हार सामने देख सत्ताधारी पार्टी द्वारा बचकाने तर्क दिए जा रहे हैं, क्योंकि उसके पास न कोई मुद्दा है, न जनता को बताने लायक कोई काम या उपलब्धि और न ही टिकट देने लायक 90 उम्मीदवार। इसलिए बीजेपी छुट्टियों का बहाना बनाकर चुनाव टालने की साजिश कर रही है। हरियाणा के मतदाता बेहद जागरूक हैं। वे कहीं छुट्टी मनाने नहीं जाएंगे, बल्कि बीजेपी की छुट्टी करने के लिए भारी संख्या में मतदान केंद्र आकर वोट देंगे।’
मुख्यमंत्री बोले- वोटिंग पर असर न पड़े, इसलिए तारीख बदलें
मुख्यमंत्री नयाब सिंह सैनी ने कहा कि छुटि्टयों के चलते वोटिंग पर असर न पड़े, इसलिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने चिंता जाहिर की है। इसे लेकर पार्टी की तरफ से चुनाव आयोग को पत्र लिखा गया है। मैं भी माननीय चुनाव आयोग को कहना चाहूंगा कि वो इस पर विचार करें और सभी दलों से बात करके तारीख आगे पीछे कर लें ताकि वोटिंग पर इसका असर न पड़े। वोटिंग बढ़ेगी तो यह हमारे लोकतंत्र के लिए अच्छा है।
लोकसभा चुनाव में वोटिंग प्रतिशत घटा, भाजपा 5 सीटें जीती
लोकसभा चुनाव में देखा गया है कि भाजपा को वोटिंग प्रतिशत घटने से नुकसान होता है। लोकसभा चुनाव में वोटिंग प्रतिशत घटने से भाजपा को नुकसान हुआ। लोकसभा चुनाव में 65 फीसदी वोटिंग हुई, यानी 2019 के मुकाबले करीब 5.34 फीसदी कम। इसमें भाजपा को 46.06 वोट प्रतिशत मिले, वहीं कांग्रेस का वोट शेयर 43.73% रहा। भाजपा 10 में से 5 ही सीटों पर जीत सकी।
2019 में हरियाणा में 70.34 फीसदी मतदान हुआ था। जिसमें भाजपा को 58.2 फीसदी वोट हासिल हुए और भाजपा ने राज्य की सभी 10 सीटों पर कब्जा जमाया। कांग्रेस 28.5 फीसदी पर ही आकर सिमट गई। इसी तरह 2014 में 71.45 फीसदी मतदान हुआ तो भाजपा को सात सीटें मिलीं और वोट शेयर 34.8 फीसदी रहा।