कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच हरियाणा सरकार ने एक फरवरी से 10वीं सेे 12वीं के बच्चों के लिए स्कूल खोलने का फैसला किया है। जिन बच्चों को कोविड रोधी वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी, उन्हें ही स्कूलों में प्रवेश मिलेगा। उच्च स्तरीय बैठक में हरियाणा सरकार ने यह फैसला लिया। स्कूल शिक्षा विभाग जल्द विस्तृत आदेश जारी करेगा।
सोमवार को सरकार ने 33 फीसदी बच्चों के साथ नौवीं-बारहवीं के स्कूल खोलने के प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। स्कूल शिक्षा विभाग ने 28 जनवरी से रोस्टर अनुसार बच्चों की कक्षाएं लगाने का प्रस्ताव तैयार किया था। सरकार कक्षाएं शुरू करने के लिए कोरोना के नए मामलों में कमी व 15-18 साल के स्कूली बच्चों का टीकाकरण पूरा होने का इंतजार करेगी।
शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने बताया कि स्कूल खोलने पर विचार-विमर्श चल रहा है। मोरनी जैसे प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क न होने पर बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे। मार्च में परीक्षाएं हैं, ऐसे में बच्चों की पढ़ाई जरूरी है। इसे देखते हुए स्कूल खोलने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। सप्ताह में तीन शिफ्ट में कक्षाएं लगाने पर भी चर्चा हुई।
सोमवार-मंगलवार, बुधवार-गुरुवार व शुक्रवार-शनिवार को 33-33 फीसदी बच्चे स्कूल बुलाने का रोस्टर तैयार किया गया है। मगर, कोरोना संक्रमण अभी कम नहीं हुआ है। इसलिए बच्चों की जान जोखिम में नहीं डाल सकते। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की भी राय ली जाएगी। उसके बाद ही स्कूल खोलने के अंतिम नतीजे पर पहुंचेंगे।
एक जनवरी से बंद हैं स्कूल
कोविड के मामले बढ़ने पर एक जनवरी से स्कूल बंद कर दिए गए थे। 12 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश रहे। उसके बाद कोविड के बढ़ते कहर के कारण 26 जनवरी तक बच्चों की छुट्टियां की गई हैं। 13 जनवरी से शिक्षकों के लिए 50 फीसदी रोस्टर लागू किया है। वे ऑनलाइन पढ़ाई करवा रहे हैं।