( गगन थिंद ) हरियाणा के एक युवक सचिन सुथार ने यह साबित कर दिया है कि मेहनत से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। एक साल के भीतर सचिन ने चार नौकरियां हासिल कीं, जिनमें से तीन सरकारी थीं और एक नौकरी कॉन्ट्रैक्ट आधार पर थी।
सचिन की यात्रा पंचायत लोकल ऑपरेटर के पद से शुरू हुई थी। इसके बाद उन्होंने गणित शिक्षक की नौकरी हासिल की। फिर उन्होंने हरियाणा पुलिस कॉन्स्टेबल की परीक्षा पास की। और अब हाल ही में उन्हें हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (HPSC) द्वारा PGT गणित लेक्चरर के पद पर चयनित किया गया है। सचिन का कहना है कि उनका सपना असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का है, और वह इसके लिए तैयार हैं।
सचिन का कहना है कि वह एक छोटे से गांव से हैं जहां बिजली की समस्या थी। इसके बावजूद, उन्होंने अपनी पढ़ाई के लिए सोलर लाइट का इस्तेमाल किया। उनका मानना है कि अगर मेहनत की जाए तो कोई भी मुश्किल रास्ता आसान हो सकता है।
- पहली नौकरी – पंचायत लोकल ऑपरेटर: सचिन ने 2023 में पंचायत लोकल ऑपरेटर (CPLO) की परीक्षा दी और मार्च 2024 में उनका चयन हो गया। हालांकि, सचिन ने इस नौकरी को केवल एक दिन किया और फिर छोड़ दिया, क्योंकि वह बेहतर अवसरों की तलाश में थे।
- दूसरी नौकरी – गणित शिक्षक: इसके बाद सचिन ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत गणित शिक्षक की नौकरी हासिल की। उन्होंने 16 मार्च 2024 को राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल, अग्रोहा में जॉइन किया और पढ़ाई शुरू की।
- तीसरी नौकरी – हरियाणा पुलिस कॉन्स्टेबल: सचिन ने हरियाणा पुलिस में कॉन्स्टेबल के पद पर भी सफलता प्राप्त की और जॉइनिंग लेटर भी प्राप्त किया। हालांकि, उन्होंने यह नौकरी जॉइन नहीं की, क्योंकि वह HPSC के इंटरव्यू की तैयारी में व्यस्त थे। इसके लिए उन्होंने तीन महीने का एक्सटेंशन लिया।
- चौथी नौकरी – PGT गणित लेक्चरर: हाल ही में, सचिन को हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा में सफलता मिली और उन्हें PGT गणित लेक्चरर के पद पर चयनित किया गया। हालांकि, उन्हें अभी अपनी पोस्टिंग का इंतजार है।
सचिन अब UGC नेट और PhD की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि वह असिस्टेंट प्रोफेसर बनने तक अपनी मेहनत नहीं छोड़ने वाले हैं। सचिन के परिवार की भी कहानी प्रेरणादायक है। उनके पिता, राजेंद्र सुथार, एक राजमिस्त्री हैं और उन्होंने अपनी मेहनत से सचिन को पढ़ाया। सचिन की बड़ी बहन रेनू ने 12वीं बोर्ड परीक्षा में 98.8% अंक प्राप्त किए थे। हालांकि, उनकी शादी के बाद पढ़ाई का सिलसिला थम गया, लेकिन अब वह भी टीचर बनने की तैयारी कर रही हैं।
सचिन और उनके परिवार का संघर्ष यह दर्शाता है कि अगर व्यक्ति के भीतर मेहनत और दृढ़ निश्चय हो, तो वह किसी भी कठिनाई को पार कर सकता है और अपने सपनों को साकार कर सकता है।