( गगन थिंद ) Hathras Case की 900 पेज की रिपोर्ट SIT ने सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंप दी है। SIT ने 150 अफसरों, कर्मचारी और पीड़ित परिवारों के बयान दर्ज किए। सूत्रों के मुताबिक, SIT ने आयोजकों को हादसे का दोषी माना है। जिम्मेदार अफसरों की लिस्ट भी तैयार की है। अब इनके खिलाफ एक्शन हो सकता है। सीएम ने हादसे के 24 घंटे में रिपोर्ट तलब की थी। हालांकि, SIT ने जांच पूरी करने में 6 दिन लगा दिए। आगरा जोन की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अनुपम कुलश्रेष्ठ SIT प्रमुख हैं।
3 लेवल पर हो रही केस की जांच
हाथरस भगदड़ की 3 लेवल पर जांच हो रही है। पहली रिपोर्ट एसडीएम रविंद्र कुमार ने 24 घंटे के अंदर अपनी प्रशासन को सौंप दी थी। सीएम ने SIT के अलावा न्यायिक आयोग का भी गठन किया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस बृजेश कुमार श्रीवास्तव आयोग के अध्यक्ष हैं। आयोग 2 महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा।
इस तरफ है जांच का इशारा
-एलआईयू ने एक लाख से अधिक भीड़ की रिपोर्ट दी, पर अफसरों को व्यक्तिगत क्यों नहीं बताया।
-आवेदकों के स्तर से 80 हजार की अनुमति का आवेदन तो अफसरों का उसी अनुसार प्रबंधन क्यों नहीं।
-हादसे वाले दिन सुबह से भीड़ इस कदर एकत्रित हो रही थी तो हादसा होने तक भी सचेत क्यों नहीं।
-एसआईटी जांच के दौरान चौकी, थाना से लेकर तहसील स्तर तक पर बयानों से लापरवाही का हो रहा इशारा।
-अनुमति के आधार पर एएसपी स्तर से सभी संबंधित विभागों को किया गया था जरूरी संसाधनों का पत्राचार।
-इसके बावजूद उन विभागों ने संसाधन जुटाए या नहीं, इसके लिए मौका मुआयना तक क्यों नहीं किया गया।
-तीस जून और दो जुलाई की सुबह की एलआईयू ने दो बार भीड़ पर रिपोर्ट दी, पर उस पर संज्ञान नहीं लिया।
-हादसा होने के बाद स्वास्थ्य संबंधी अव्यवस्थाओं के चलते मौतों का आंकड़ा बढ़ा, ये भी लापरवाही की संज्ञा।
-सेवादारों द्वारा की गई धक्का-मुक्की और बल प्रयोग के बाद तथ्य छिपाना घटना के वृहद रूप लेने का कारण बना।