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हिसार मार्केट कमेटी उकलाना पर NOC में देरी पर 25 हजार का जुर्माना

(  गगन थिंद ) हरियाणा सेवा अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता ने हिसार जिले की मार्केट कमेटी उकलाना की सचिव पूनम और हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड पर कुल 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई शिकायतकर्ता रोशन लाल, जो उदय राम अरुण कुमार के नाम से प्रोप्राइटर हैं, की शिकायत पर की गई।

शिकायतकर्ता ने फरवरी 2024 में आयोग में आवेदन किया था।

शिकायत के अनुसार, वर्ष 2006 में शिकायतकर्ता को नई अनाज मंडी उकलाना में एक प्लॉट आवंटित किया गया था। शिकायतकर्ता ने पूरी राशि का भुगतान किया था, फिर भी मई 2023 में उन्हें एक गलत बकाया राशि का मांगपत्र प्राप्त हुआ। इसके बाद, उन्होंने 14 फरवरी 2024 को NOC के लिए आवेदन किया। बार-बार अनुरोध करने के बावजूद, सचिव और मुख्य प्रशासक ने NOC जारी करने में अनावश्यक देरी की। इस कारण से शिकायतकर्ता को मजबूर होकर हरियाणा सेवा अधिकार आयोग का रुख करना पड़ा। आयोग के आदेश पर, सचिव पूनम से 5 हजार रुपये और हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड से 20 हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया।

मुख्य आयुक्त ने लगाई थी फटकार

आयोग ने मामले पर संज्ञान लेते हुए दोनों अधिकारियों से जवाब तलब किया। 19 दिसंबर 2024 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई सुनवाई के दौरान मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता ने अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने अनादेय प्रमाणपत्र में हुई देरी के लिए 25 हजार का जुर्माना लगाया। जिसमें से 5 हजार सचिव पूनम की सैलरी से काटने का आदेश दिया।

20 हजार काम में लापरवाही बरतने के जिम्मेदार अधिकारी से वसूलने के आदेश दिए।

31 दिसंबर 2024 को कन्वेंस डीड पूरी

साथ ही शिकायतकर्ता की प्लॉट की कन्वेंस डीड लंबित मामले में एक सप्ताह के भीतर औपचारिकताएं पूरी करने का निर्देश दिया गया। 31 दिसंबर 2024 को शिकायतकर्ता की कन्वेंस डीड पूरी की गई। इस फैसले के बाद शिकायतकर्ता ने मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता का आभार व्यक्त किया।

व्यापारियों को मिली बड़ी राहत

इस निर्णय से अन्य व्यापारियों को भी राहत की उम्मीद जगी है, जो अपनी दुकानों की कन्वेंस डीड के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मुख्य आयुक्त ने स्पष्ट किया कि हरियाणा सेवा अधिकार अधिनियम 2014 के तहत, यदि कोई अधिकारी तीन बार देरी का दोषी पाया जाता है, तो उसकी बर्खास्तगी की अनुशंसा की जा सकती है।

यह फैसला मार्केट कमेटी और अन्य विभागीय अधिकारियों के लिए एक कड़ा संदेश है कि वे निर्धारित समय सीमा में सेवाएं प्रदान करें और अनावश्यक देरी से बचें।

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