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गेहूं व सरसों की फसल उगाकर किया कृष्ण-अर्जुन संवाद का चित्रांकन, एग्रीकल्चर टूरिज्म को बढ़ावा देने का प्रयास

जापान की तर्ज पर देश में एग्रीकल्चर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा के सोनीपत जिले के गांव लड़सौली के किसान ने बेहतर प्रयास किया है। इसके तहत एक एकड़ जमीन पर गेहूं व सरसों की फसल उगाकर कृष्ण-अर्जुन संवाद का चित्रांकन किया है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को तीर चलाने का आदेश दे रहे हैं। यह कारनामा गांव लड़सौली के 25 वर्षीय युवा हनी मोर ने किया है।

जापान में प्रतिवर्ष चावल की खेती में चित्रांकन करने का एक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इसमें जापान में लाखों पर्यटक पहुंचते हैं, जिससे जापान सरकार को करोड़ों का मुनाफा होता है। इसी तर्ज पर गन्नौर के गांव लड़सौली निवासी हनी मोर ने हरियाणा में एग्रीकल्चर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कड़ी मेहनत की है। हनी मोर ने गेहूं और सरसों की फसल से महाभारत युद्ध के दौरान का कृष्ण-अर्जुन संवाद का चित्रांकन किया है।

यू ट्यूब पर कार्यक्रम देख हुआ प्रभावित

हनी मोर ने बताया कि उसने यू ट्यूब पर यह कार्यक्रम देखा। इससे प्रभावित होकर उसने अपने साथियों के साथ मिलकर गेहूं और सरसों की फसल उगाकर कृष्ण और अर्जुन का चित्र बनाया है। यह चित्र खेत से करीब 500 मीटर ऊपर से देखी जा सकता है। इस चित्र को बनाने में उन्होंने 50 किलो गेहूं और 5 किलो सरसों का प्रयोग किया है।

तीन साल के अथक प्रयास से मिली कामयाबी

हनी मोर ने बताया कि इस चित्र को बनाने के लिए हम तीन साल से प्रयास कर रहे हैं। पहले दो साल ये चित्र नहीं बन सका, जिससे काफी नुकसान हुआ। इस चित्र को बनाने के लिए हमने दिन-रात मेहनत की है। कभी गेहूं उग जाते तो सरसों नहीं उगती थी और सरसों उगती थी तो गेहूं नहीं उगते थे। तीसरे वर्ष हमने अपने प्रयास में सफलता प्राप्त की है। हनी मोर ने बताया कि हमारी टीम स्वच्छ भारत अभियान में भी हरियाणा सरकार से प्रोत्साहन प्राप्त कर चुकी है। वह देश में एग्रीकल्चर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए इस तरह का चित्र बनाने के लिए सरकार से सहयोग की अपील कर रहे हैं।

परिवार से मिला पूरा सहयोग

हनी मोर एक साधारण परिवार से हैं। हनी के पिता सेवानिवृत्त फार्मासिस्ट है। बड़ी बहन की शादी हो चुकी है। हनी ने विज्ञान संकाय से 12वीं पास की और उसके बाद स्नातक की पढ़ाई करने जयपुर चला गया। वर्ष 2013 में कला संकाय से स्नातक की। वर्ष 2016 में कला संकाय से ही मास्टर डिग्री हासिल की। हनी मोर ने बताया कि इस कामयाबी के पीछे परिवार का भरपूर सहयोग मिला। पिता ने हर संभव मदद की। यही कारण रहा कि मैं अपने प्रयास में सफलता प्राप्त कर सका। हरी का कहना है कि मैं इस कला को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाना चाहता हूं, ताकि लोग इसमें आएं और रोजगार के साथ देश में टूरिज्म को बढ़ावा दें।

पहले टब में फिर खेत में शुरू किया प्रयास

हनी मोर ने बताया कि अपने साथी कपिल यादव के साथ मिलकर पहले एक छोटे से टब में चावल की खेती से चित्र बनाया, जिसमें हम कामयाब रहे। फिर अपने खेत में चावल की खेती से चित्र बनाया, जो कामयाब रहा। उसके बाद कुछ अलग करने की सोची और खेत में पहले भगवान श्रीकृष्ण व अर्जुन का चित्र बनाया, फिर उसमें गेहूं व सरसों के मिश्रण से बुआई की। हमारे पहले दो प्रयास विफल रहे, लेकिन हमने हार नहीं मानी और इस वर्ष सरसों व गेहूं के मिश्रण से भगवान श्रीकृष्ण व अर्जुन की तस्वीर बनाने में सफलता प्राप्त की। 12 दिन पहले ही खेत में 500 मीटर ऊपर से तस्वीर ली गई, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण-अर्जुन का चित्र स्पष्ट दिखाई दे रहा है।

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