(गौरव धीमान) हरियाणा के पानीपत जिले में एक नाबालिग लड़की ने अपनी शादी के खिलाफ आवाज उठाई और बाल विवाह की रोकथाम के लिए संबंधित अधिकारियों से मदद मांगी। लड़की ने शिकायत की कि उसकी मां ने जबरदस्ती उसकी शादी करवा दी है। मामले में जांच शुरू होने के बाद, लड़की के पति ने उसे बालिग बताया, लेकिन लड़की ने अपने स्कूल के सर्टिफिकेट से यह साबित किया कि वह बालिग नहीं है। इस आधार पर पुलिस ने लड़की की मां और पति के खिलाफ बाल विवाह निषेध एक्ट 2006 के तहत केस दर्ज किया है। मामले में छानबीन जारी है।
घटना का विवरण
बाल संरक्षण अधिकारी पानीपत के अनुसार, 30 सितंबर को कृष्णापुरा निवासी एक नाबालिग लड़की ने शिकायत दी थी कि उसकी मां ने उसे जबरदस्ती शादी के लिए मजबूर किया। लड़की की शादी 1 अप्रैल को मतलौडा के एक बैंक्वेट हॉल में गांव उरलाना कलां के निवासी रिंकु के साथ हुई थी। लड़की ने बताया कि वह नाबालिग है और इस शादी से खुश नहीं है।
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और रिंकु से शादी के दस्तावेज मांगे। 10 अक्टूबर को रिंकु ने शपथ पत्र और बैंक्वेट हॉल के दस्तावेज पेश किए, जिनमें लड़की को बालिग बताया गया। हालांकि, छानबीन में लड़की की वास्तविक आयु का खुलासा हुआ। लड़की के स्कूल सर्टिफिकेट के अनुसार, उसका जन्म 4 नवंबर 2008 को हुआ था, जिससे साबित हुआ कि शादी के समय उसकी उम्र 15 साल 4 माह थी।
पुलिस कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले में लड़की की मां मीना और उसके पति रिंकू के खिलाफ बाल विवाह निषेध एक्ट 2006 की धारा 9, 10, और 11 के तहत मामला दर्ज किया है। लड़की को चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट भेज दिया गया है। पुलिस ने कहा है कि बाल विवाह एक गंभीर अपराध है और इस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।