कैथल | हरियाणा के कैथल SDM अमरेंद्र सिंह को स्टेट विजिलेंस ब्यूरो अंबाला ने बुधवार दोपहर बाद जिला अदालत में पेश किया। विजिलेंस ने कोर्ट से एसडीएम से करीब 6.50 लाख रुपए की बरामदगी करने के लिए दो दिन का पुलिस रिमांड मांगा। सुनवाई के बाद अदालत ने उसे 2 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया।
बतां दे कि कैथल एसडीएम अमरेंद्र सिंह को स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने ट्रांसपोर्टर्स से ओवरलोडिंग करने पर मंथली लेने के मामले में 18 जनवरी को कैथल एसडीएम कार्यालय से गिरफ्तार किया था। वह पिछले कई दिनों से छुट्टी पर चल रहे थे।
ट्रांसपोर्ट इंस्पेक्टर अजय सैनी फरार
पंचकूला के डीटीओ अमरेंद्र सिंह के पास अंबाला डीटीओ गौरी मिड्ढा के छुट्टी पर जाने के बाद 40 दिन अतिरिक्त कार्यभार रहा। गौरी मिड्ढा 21 सितंबर 2021 को छुट्टी पर गई थी। इस दौरान डीटीओ ने दलालों और कार्यालय के कर्मचारियों के माध्यम से एक गिरोह बनाया, जाे ओवरलोड वाहनों को चलाने की एवज में उनसे अवैध वसूली करने लग गया।
इस दौरान कैथल के ट्रांसपोर्टर देवराज ने डीटीओ कार्यालय पर ओवरलोडिड वाहनों को पास करने की एवज में 6 हजार प्रति ट्रक वसूलने की शिकायत विजिलेंस अंबाला को दी। दिसंबर 2021 में अंबाला विजिलेंस स्टेशन में एफआईआर नंबर 11 दर्ज की गई। इस मामले का खुलासा दिसंबर 2021 में तब हुआ जब दलाल गुरप्रीत विजिलेंस ब्यूरो के हत्थे चढ़ा।
गुरप्रीत से मिली जानकारी के आधार पर विजिलेंस ने अंबाला डीटीओ कार्यालय में नियुक्त एएसआई जसपाल को पकड़ा। जसपाल से मिले इनपुट के आधार पर आरटीए कार्यालय के ड्राइवर करणवीर को पकड़ा गया। इन तीनों ने पूछताछ में ट्रांसपोर्टर अजय सैनी और डीटीओ अमरेंद्र सिंह का नाम भी लिया।
सवा महीने से रडार पर था HCS
हरियाणा सिविल सर्विस (HCS) अधिकारी अमरेंद्र सिंह लगभग सवा महीने से स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के रडार पर था। अमरेंद्र की गिरफ्तारी की पटकथा विजिलेंस ने हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में ही लिख दी थी। मगर उस समय उसे गिरफ्तार नहीं किया गया। क्योंकि HPSC की भर्तियों में गड़बड़ी की वजह से विपक्ष ने सरकार को घेरा हुआ था। अगर तभी अमरेंद्र को पकड़ा जाता तो विपक्ष को सरकार पर हमला बोलने का एक और मौका हाथ लग जाता।
दरअसल दिसंबर-2022 में तीसरे सप्ताह में विजिलेंस की 2 टीमें अमरेंद्र को पूछताछ के लिए ले गई थी। उस समय अमरेंद्र पंचकूला में बतौर डीटीओ पोस्टेड था। सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक चली उस पूछताछ में विजिलेंस को अमरेंद्र के कारनामों का सबूत मिल गया था।
नागर के कारण बचा
मगर हरियाणा विधानसभा के सत्र को ध्यान में रखते हुए अमरेंद्र को तुरंत गिरफ्तार नहीं किया गया। HPSC की भर्तियों में गड़बड़ी के मामले में HCS अनिल नागर की संलिप्तता सामने आने के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर था। ऐसे में दूसरे HCS अफसर की गिरफ्तारी से सरकार की मुश्किलें और बढ़ जातीं। दिसंबर में सरकार ने पंचकूला से अमरेंद्र का तबादला कैथल एसडीएम पद पर कर दिया।