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करनाल की बेटी बनी ( DFSC ) जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक, ग्रामीणों ने किया जोरदार स्वागत

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( गगनप्रीत ) करनाल की बेटी कविता चौहान ने बीती 15 जून को आए हरियाणा सिविल सेवा (एचसीएस) परीक्षा परिणाम में 69वीं रैंक हासिल कर अपने परिवार और शहर का नाम रोशन किया है। किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाली कविता को 28 जून DFSC विभाग में नियुक्त किया गया है। अब कविता जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक (DFSC) के पद पर नियुक्त होंगी। HCS बनने के बाद कविता रविवार को अपने गांव पहुंचीं। यहां पहुंचने पर उनके परिवार और ग्रामीणों ने उनका जोरदार स्वागत किया। कविता की सफलता का यह सफर उनकी कड़ी मेहनत, परिवार के सहयोग और अटूट विश्वास की कहानी है।

किसान परिवार का संघर्ष भरा सफर

कविता के पिता राधीराम और मां केला देवी ने अपनी तीनों बेटियों की शिक्षा के लिए हर संभव प्रयास किया, भले ही वे खुद कम पढ़े-लिखे थे। राधीराम ने शुरू से ही तय कर लिया था कि वह अपनी बेटियों को उच्च शिक्षा दिलाकर उनके सपनों को साकार करेंगे। उनकी तीनों बेटियां मेडिकल फील्ड में पढ़ाई कर रही थीं, लेकिन कविता ने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने का फैसला किया।

भाई का सहयोग और परिवार का साथ

कविता की तैयारी के दौरान उनके भाई ने उन्हें यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए प्रेरित किया। कविता ने मेडिकल की पढ़ाई करने के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू की और इस दौरान उन्होंने एचसीएस की परीक्षा भी दी। परीक्षा में 69वीं रैंक हासिल करने पर पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। कविता की बड़ी बहन पीजीआई में तैनात हैं और दूसरी बहन एमबीबीएस पास हैं।

सफलता की कहानी

कविता ने बताया कि जब भी उसे निराशा का सामना करना पड़ा तो उसके माता-पिता और भाई ने हमेशा उसका हौसला बढ़ाया। कविता की बहन पूजा ने बताया कि कविता हमेशा पढ़ाई में अव्वल रही है और जब भी उसे पढ़ाई में परेशानी होती थी तो वह आसानी से समस्या का समाधान कर लेती थी। कविता की मेहनत और परिवार के सहयोग ने उसे इस मुकाम तक पहुंचाया।

माता-पिता की खुशी और गर्व

कविता के माता-पिता उसकी सफलता पर काफी गर्व महसूस कर रहे हैं। राधीराम ने कहा कि बेटियों का अपने पैरों पर खड़ा होना बहुत जरूरी है ताकि वे समाज में अपनी मजबूत पहचान बना सकें। उन्होंने अपनी बेटियों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया। कविता की मां केला देवी ने अपनी बेटियों की आरती उतारकर बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया।

 

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