नगर निगम करनाल ने 1 लाख से ज्यादा के 1600 डिफॉल्टरों की सूची तैयार करके नोटिस भेजने शुरू कर दिए हैं। इन्हें 15 फरवरी तक नोटिस भेज दिए जाएंगे। इसके बाद टैक्स न चुकाने वालों की प्रॉपर्टी सील की जाएगी। जनवरी माह में नगर निगम प्रशासन ने 546 मोटी राशि के डिफॉल्टरों को नोटिस जारी कर चुका है। बिना बकाया वसूली के डिफॉल्टरों के साथ कोई रियायत नहीं बरती जाएगी।
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की ओर से पिछले 12 सालों से बकाया प्रॉपर्टी टैक्स को क्लियर करने का माैका दिया गया है। इस माैके के साथ पूरी ब्याजमाफी दी जा रही है। लेकिन जनवरी में अभी तक कुछेक लोगों ने ही बकाया टैक्स चुकाने की जहमत उठाई है। अधिकतर टैक्स डिफॉल्टर सरकार की ब्याजमाफी की घोषणा के बावजूद टैक्स चुकाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। नगर निगम द्वारा टैक्स बकायादारों के रुझान को भांपते हुए नोटिस जारी करने की कार्रवाई शुरू की गई है।
1 लाख से ज्यादा वाले 1600 डिफाल्टर
नगर निगम के टैक्स सुपरिंटेंडेंट गगनदीप सिंह के अनुसार नगर निगम द्वारा 3 से 10 लाख रुपए तक की राशि का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया वाले 546 डिफॉल्टरों को 31 जनवरी तक नोटिस जारी किए जा चुके हैं, जिनमें अधिकतर बड़ी प्रॉपर्टी के मालिक शामिल हैं। अब नगर निगम की ओर से 1 से 3 लाख रुपए तक के लगभग 1600 प्रॉपर्टी टैक्स बकायादारों के लिए नोटिस देने शुरू कर दिए हैं।
पुराने टैक्स पर पूरा ब्याज होगा माफ
हरियाणा शहरी स्थानीय निकास विभाग की तरफ से 12 साल पुराने प्रॉपर्टी टैक्स पर पूरा ब्याजमाफी दी गई है, जबकि करंट ईयर के प्रॉपर्टी टैक्स पर 25 प्रतिशत की छूट दी गई है। अब जो लोग टैक्स जमा नहीं कराएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सात दिन में चुकाने होंगे प्राॅपर्टी टैक्स
नगर निगम की ओर से डिफाॅल्टरों को जो नोटिस जारी किए जा रहे हैं, उनमें प्रॉपर्टी मालिक को टैक्स चुकाने के लिए 7 दिनों का समय दिया जा रहा है। इसके बाद जो डिफाॅल्टर टैक्स नहीं चुकाएंगे उनके खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा।
244 करोड़ रु. प्रॉपर्टी टैक्स की राशि बकाया
नगर निगम के बकाया प्रॉपर्टी टैक्स की बात करें तो 12 सालों तक प्रॉपर्टी टैक्स बकाया चल रहा है। सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों और आवासीय टैक्स दाताओं की तरफ तकरीबन 244 करोड़ रुपए प्रॉपर्टी टैक्स बकाया पड़ा है।
25 करोड़ का था टारगेट, मिले सिर्फ 6 करोड़
नगर निगम की ओर से चालू बजट सत्र में प्रॉपर्टी टैक्स से 25 करोड़ रुपए आमदनी का टारगेट रखा गया है। लेकिन हैरानी की बात है कि अभी तक लगभग 6 करोड़ रुपए ही प्राप्त हो सके हैं। सरकार की छूट का भी लोगों को पर खास असर नहीं पड़ा है। मात्र 32 लाख रुपए ही लोगों द्वारा चुकाए गए हैं।