रिश्वत के आरोपी जेल पुलिस उपअधीक्षक कुलदीप हुड्डा ने जमानत याचिका खारिज होने के बाद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। उन्होंने गुरुग्राम के एक गांव में अपने रिश्तेदार के यहां आत्महत्या की है। पिछले दो महीने से अधिक समय से वह फरारी काट रहे थे।
विजिलेंस टीम ने 9 दिसंबर 2021 को नसीबपुर जेल में छापा मारकर दो जेल वार्डनों को एक लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। जेल वार्डनों ने इस घूसकांड में जेल पुलिस अधीक्षक अनिल जांगड़ा और उप अधीक्षक कुलदीप हुड्डा के शामिल होने का खुलासा किया था। इसके अलावा भी एक और मामला आरोपी अधिकारियों के खिलाफ गुरुग्राम के एक अधिवक्ता द्वारा दर्ज करवाया गया था।
रिश्वत के आरोपी जेल अधीक्षक अनिल एवं कुलदीप हुड्डा ने पहले नारनौल कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। इसके बाद पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी। 24 फरवरी को हाईकोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी। इसके बाद विजलेंस की टीम आरोपियों को गिरफ्तार करने में जुटी थी। देर रात उप अधीक्षक कुलदीप हुड्डा ने गुरुग्राम के राजेंद्र पार्क थाने के अंतर्गत आने वाले गांव माकड़ोला में अपने रिश्तेदार के यहां फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह रोहतक के गांव पोलंगी के रहने वाले थे और वर्तमान में सोनीपत में रह रहे थे।
क्यों ली गई थी एक लाख रुपये की रिश्वत
गैंगस्टर विक्रम उर्फ पपला का साथी संदीप सिधिया निवासी गांव मौखूता जिला जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। आरोपी राजन उसे प्रताड़ित करता था। जेल वार्डन ने चक्की से बचने, मोबाइल व अन्य सुविधाएं मुहैया करवाने के नाम पर एक लाख रुपये की मांग की थी। कैदी के छोटे भाई हंसराज ने इस संबंध में पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन से शिकायत की थी। पुलिस अधीक्षक ने वार्डन को रंगे हाथों पकड़वाने के लिए मुख्यालय से संपर्क किया। नूंह विजिलेंस ने योजनाबद्ध तरीके से 500 रुपये के नोटों की दो गड्डियों (एक लाख रुपये) पर लाल पाउडर लगाकर हंसराज को दे दिया। हंसराज ने नसीबपुर जेल का दरवाजा खुलवाकर मुख्य द्वार पर तैनात राजन नामक जेल वार्डन को यह राशि दे दी। जैसे ही यह राशि जेल वार्डन ने ली तो विजिलेंस टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। राजन ने विजिलेंस टीम को बताया था कि उक्त राशि उसने गजे सिंह वार्डन के कहने पर ली है। टीम ने गजे सिंह को जेल से ही काबू कर लिया था।
2017 में महेंद्रगढ़ कोर्ट में चलाई थी संदीप ने गोलियां
संदीप ने अपने साथियों के साथ 2017 में पपला गुर्जर को छुड़ाने के लिए महेंद्रगढ़ के न्यायालय के सामने पुलिस पर हमला किया था। इस मामले में संदीप को दो साल पूर्व उम्रकैद की सजा हो चुकी है।