चंडीगढ़ | नियम-134ए के तहत प्राइवेट स्कूलों में निशुल्क दाखिला लेने वालों परिवारों की आय की सही वेरिफेकशन नहीं हो पाई। अभिभावकों ने नियमों को ताक पर रखकर गलत आय प्रमाण पत्र बनवा लिए हैं। यह खुलासा तब हुआ जब हरियाणा सरकार ने 24802 आय प्रमाण पत्रों को परिवार पहचान पत्र से मिलान करने के लिए एनआईसी के पास भेजा। परंतु एनआईसी ने केवल 4430 लोगों के ही आय प्रमाण पत्र की पुष्टि की। अब शिक्षा निदेशालय ने दोबारा से 20372 परिवारों की इंकम सर्टिफिकेट की सत्यता जांच के लिए जिला स्तरीय कमेटी के पास डाटा भेजा है। जिला स्तर पर एडीसी की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है। जिसमें मौलिक शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी शामिल है।
निदेशालय ने 20 जनवरी तक मांगी रिपोर्ट
जिस डाटा को सरकार ने परिवार पहचान पत्र से मिलान के लिए एनआईसी के पास भेजा था, उनमें से 20372 अभिभावकों की आय का मिलान नहीं हो पाया है। अब विभाग ने दोबारा पत्र लिखकर कहा है कि सात जनवरी की स्थिति के अनुसार 20372 दाखिल और गैर दाखिल बच्चों के सभी अभिभावकों की आय की पुष्टि जिला स्तरीय कमेटी से करवाकर संबंधित स्कूलों व विभाग को सूचित करें। जिसके लिए विभाग ने 20 जनवरी तक का समय दिया है।
आय प्रमाण पत्र का मिलान न होने पर नहीं मिलेगा दाखिला
निदेशालय ने आय प्रमाण पत्र के मिलान के लिए जिला स्तरीय कमेटी से अंतिम रिपोर्ट मांगी है। ऐसे में अगर इनकी रिपोर्ट जांच में सही नहीं पाई जाती तो बच्चों को दाखिला नहीं मिलेगा। वहीं, अभिभावकों पर भी गलत तरीके से प्रमाण पत्र बनवाने को लेकर कार्यवाही हो सकती है। दूसरी तरफ प्राइवेट स्कूल पहले से अभिभावकों द्वारा गलत तरीके से आय प्रमाण पत्र बनवाने की बात कहते आ रहे हैं। इसकी जांच की आवाज भी प्राइवेट स्कूलों द्वारा उठाई गई थी। अब इतने बड़े स्तर पर आय प्रमाण पत्रों का मिलान न होने पर शिक्षा विभाग भी चिंतित है। जिसे लेकर जिला स्तरीय कमेटी को कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।