(गौरव धीमान) हरियाणा में धान की कटाई के बाद पराली जलाने के मामले में सरकार और किसान आमने सामने हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा चीफ सेक्रेटरी को तलब करने के बाद सरकार मामले में सख्त हो गई है। रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रदेश के सभी डीसी को आदेश दिए गए कि किसानों पर कड़ी कार्रवाई हो और उनकी जल्दी गिरफ्तारी की जाए। इस बीच सरकार ने 336 किसानों की मंडियों में एंट्री बेन कर दी है। वे दो साल तक मंडी में अपनी फसल नहीं बेच पाएंगे।
किसानों को गिरफ्तार करने के आदेश
कैथल में डीएसपी ने थाना प्रबंधकों को शाम तक किसानों को गिरफ्तार करने के आदेश दिए। सरकार ने किसानों को ब्लैक लिस्ट करना शुरू कर दिया है। दूसरी तरफ अंबाला में हुई किसान संगठन की बैठक में किसानों पर केस दर्ज करने का विरोध किया गया। किसान संगठन भी अब रणनीति बनाने में लग गए हैं।
सरकार एक्शन मोड ऑन
हरियाणा में पराली जलाने के मामले में सरकार एक्शन मोड में आ गई है। चीफ सेक्रेटरी ने आज दोपहर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के सभी डीसी से इसको लेकर बातचीत की और हालात की जानकारी ली। उन्होंने आदेश दिए कि जिन मामलों में किसानों के खिलाफ पराली जलाने के केस दर्ज किए गए हैं, उनकी जल्दी गिरफ्तारी की जाए।
डीएसपी ने कहा- टीम मैदान में, 2 गिरफ्तार
कैथल पुलिस इसके बाद हरकत में आ गई। कैथल के डीएसपी वीरभान ने बताया कि सरकार के आदेश अनुसार उन्होंने संबंधित थाना प्रबंधकों को निर्देश दिए हैं कि जिन किसानों के पर पराली जलाने के मामले दर्ज हुए हैं, उनकी आज ही गिरफ्तारी की जाए। कैथल के ढांड थाना में दो किसानों को गिरफ्तार किया गया है, जिनको पुलिस बेल पर साथ की साथ रिहा कर दिया गया। थाना प्रबंधक राजेंद्र ने बताया कि पहले पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ डीडीआर दर्ज की हुई थी। दो किसानों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। वहीं पुंडरी थाना प्रबंधक इंस्पेक्टर बलबीर सिंह ने बताया कि उनके थाने में अब तक पराली जलाने को लेकर 6 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस कर्मियों को फील्ड में भेजा है। जल्द ही सभी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पराली जलाने के 123 मामले मिले
वहीं कैथल कृषि विभाग के उपनिदेशक बाबूराम ने बताया कि कैथल में अब तक पराली जलाने के 123 मामले सामने आ चुके है। इनमें से 63 किसानों पर जुर्माना लगा कर 1 लाख 57 हजार रुपए वसूले गए हैं। पराली जलाने वाले 11 किसानों के खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में 11 एफआईआर दर्ज करवाई गई हैं। बाबूराम ने बताया कि कैथल में पराली जलाने वाले 43 किसानों की मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रेड एंट्री कर दी गई है। इस कारण अब ये किसान आगामी 2 सीजन तक अपनी फसल एमएसपी पर मंडियों में नहीं बेच पाएंगे। कैथल जिले में अब तक पराली जलाने के 117 मामले सामने आ चुके हैं। इसकी वजह से शहर की आबो-हवा भी बहुत खराब हो गई है। एयर क्वालिटी इंडेक्स भी 372 के पार पहुंच गया है, जिस कारण लोगों को सांस लेने के आंखों में जलन हो रही है।
डीसी बोले- सुप्रीम कोर्ट के नहीं मिले आदेश
कैथल डीसी विवेक भारती ने बताया कि आज चीफ सेक्रेटरी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा ली गई मीटिंग में आदेश मिले हैं कि पराली जलाने के मामलों में सख्त से सख्त कार्रवाई करनी है। ताकि बढ़ रहे मामलों पर रोक लगाई जा सके। वहीं सुप्रीम कोर्ट द्वारा तलब किए गए आदेशों पर उन्होंने बताया कि उनके पास अभी कोई लिखित में आदेश नहीं आए हैं। न्यूज पेपर के माध्यम से उन्हें इसकी सूचना मिली है।
सरकार ने किसानों को किया ब्लैक लिस्ट
हरियाणा में पराली अभी भी जलाई जा रही है। 24 घंटे में पराली जलाने पर 12 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई। 42 किसानों के चालान किए गए हैं। साथ ही 336 किसानों की मंडियों में रेड एंट्री की गई है। अब ये किसान अगले दो सीजन तक मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल के जरिए मंडियों में अपनी फसल नहीं बेच सकेंगे।
किसान 22 को देंगे ज्ञापन
दूसरी तरफ सरकार की कार्रवाई देख किसान भी अब लाम बद्ध होने लगे हैं। अंबाला में बीकेयू शहीद भगत सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरजीत सिंह मोहड़ी ने कहा कि सरकार और अधिकारी समझ लें कि किसान के पास इतने संसाधन नहीं हैं। किसानों ने फैसला लिया है कि 22 अक्तूबर को प्रदेश की सभी तहसीलों पर किसान ज्ञापन के माध्यम से अपनी समस्या बताएंगे। किसान नेताओं ने सभी से तहसीलों पर पहुंचने का आह्वान किया।