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किसान महापंचायत से पहले पंजाब-हरियाणा बॉर्डर सील, 2 जगह पुलिस ने सीमेंट की बैरिकेडिंग की, पुलिस बोली- परमिशन नहीं ली

( गगन थिंद ) हरियाणा के जींद में किसान संगठनों ने आज किसान मजदूर महापंचायत बुलाई है। यह महापंचायत उचाना की नई अनाज मंडी में होगी। किसान पहुंचने शुरू हो गए हैं। अनाज मंडी के गेट पर पुलिस फोर्स तैनात की गई है। इससे पहले, शनिवार-रविवार रात पुलिस ने पंजाब-हरियाणा बॉर्डर को कैथल में गुहला चीका और संगतपुरा के पास सीमेंट की बैरिकेडिंग लगाकर पूरी तरह बंद कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक के नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने दावा किया है कि महापंचायत में हरियाणा के अलावा पंजाब से 50 हजार किसान आएंगे। उचाना थाना SHO पवन कुमार ने बताया कि महापंचायत को लेकर किसानों की तरफ से परमिशन नहीं ली गई है, इसलिए चीका में अधिकारियों के आदेश पर बॉर्डर बंद किया गया है।

कोहाड़ बोले- भाजपा को सबक सिखाना हमारा एजेंडा

किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि उचाना की किसान पंचायत को लेकर तैयारी पूरी हो चुकी हैं। बड़ी संख्या में किसान यहां जुटेंगे। हमारी पंचायत का एकमात्र उद्देश्य यह है कि पिछले 10 सालों में किसान-मजदूर और बेरोजगारों के ऊपर जुल्म और अत्याचार करने वाली भारतीय जनता पार्टी को सबक कैसे सिखाया जाए। यही उनकी पंचायत का एजेंडा है। किसानों को मजदूरों को एकजुट करना और उनके ऊपर हुए जुल्म और अत्याचार को याद दिलाना पंचायत का उद्देश्य है। हम बिल्कुल क्लियर कर रहे हैं कि हम न तो किसी राजनीतिक पार्टी को सपोर्ट करते हैं और न किसी कैंडिडेट के लिए वोट की अपील करते हैं। किसानों की MSP कानून की डिमांड है। किसान निश्चिंत होकर पंचायत में आएं।

कहा- पुलिस ने किसानों को नोटिस भेजे

अभिमन्यु कोहाड़ ने आरोप लगाया कि पुलिस ने किसानों को नोटिस जारी किए हैं। वो लोग साउंड और टेंट वालों को थाने में बुलाकर धमकी देते हैं कि अगर तुम वहां सामान लेकर गए तो तुम पर कार्रवाई होगी और सामान भी जब्त कर लेंगे। हम पॉलिटिकल पार्टी से जुड़े हुए नहीं हैं, हम पर आचार संहिता लागू नहीं होती। मंडी किसानों की है और हमें अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। अगर किसानों को ही पंचायत करने से रोका जाएगा तो हम भी भाजपा की रैलियों का विरोध करेंगे। जब ये किसी गांव में वोट मांगने जाएंगे तो इन्हें अपनी फोर्स लेकर जानी पड़ेगी, हमें इनका डटकर विरोध करेंगे।

फरवरी से किसान कर रहे प्रदर्शन

फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर पंजाब के किसान फरवरी-2024 से आंदोलन पर हैं। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के अंबाला के पास शंभू बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। किसानों ने बॉर्डर पर पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इसके चलते अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई।

 

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