पबनावा गांव में मां को बचाने के लिए एक बेटे ने जान गंवा दी, जबकि दूसरा अपने ही भाई को मारकर भाई का हत्यारा बन गया। रात के समय खाना खाने के बाद खुशी-खुशी अपने परिवार के साथ सोए प्रदीप को यह नहीं पता था कि यह रात उसकी आखिरी रात होगी। मां को बचाने के चक्कर में वह अपनी जान गंवा बैठा। वह अपने पीछे हंसता-खेलता परिवार छोड़ गया है।
घटना पबनावा गांव की है, जहां सुबह के समय स्नान करने के बाद हर रोज की तरह अपनी ड्यूटी के लिए तैयार हो रहे प्रदीप की अचानक उसके छोटे भाई प्रतीष ने चाकू गोदकर हत्या कर दी। इससे उसके हंसते खेलते परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया। 34 वर्षीय मृतक प्रदीप की पत्नी रीना ने रोते बिलखते हुए बताया कि कि वह बीए पास है। मार्च 2009 में प्रदीप के साथ उसकी शादी हुई थी। शादी के बाद उसके दो बेटे पैदा हुए। बड़ा बेटा हिंमाशु 13 वर्ष का है जो आठवीं कक्षा में पढ़ रहा है। छोटा बेटा 10 वर्ष का है जो पांचवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहा है।
रीना ने बताया कि उसका पति कुरुक्षेत्र की एक फाइनेंस कंपनी में नौकरी कर रहा था। वह अपने परिवार के साथ गांव में ही अपने आरोपी देवर से अलग रह रहे थे, लेकिन उसे क्या मालूम था कि उसका हंसता खेलता परिवार पल भर में ही बिखर जाएगा। उसके मासूम बच्चों से बाप का साया उठ जाएगा। जीवन भर उसका साथ देने वाला अचानक उसे छोड़कर चला जाएगा। यह उसने कभी सपने में भी नही सोचा था।
रीना के मुताबिक, उसका देवर घर में अक्सर झगड़ा करता रहता था। प्रदीप हमेशा कहता था कि तू झगड़े से दूर रहा कर। उसे क्या मालूम था कि झगड़े से दूर रखने वाला एक दिन स्वयं दूर जाएगा। सुबह के समय जब उसका पति अपनी ड्यूटी के लिए तैयार हो रहा था तो पास में ही बने मकान में उसके आरोपी देवर ने अपनी मां के साथ झगड़ा करना शुरू कर दिया। उसका पति बीच-बचाव करने गया तो आरोपी ने उसी चाकू से वार कर दिया। इससे वह घायल हो गया और अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया। आरोपी पहले भी उसके पति को जान से मारने की धमकियां देता रहता था।