हरियाणा के करनाल के उपायुक्त अनीश यादव ने कहा कि पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट से जुड़े न्यायालय में चल रहे मामलों की पैरवी बढ़िया तरीके से की जाए। रेड के दौरान सही प्रमाण पत्र एकत्रित करें, कहीं पर भी लापरवाही न हो ताकि दोषी व्यक्ति को हर हाल में सजा मिल सके। साथ ही अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर रेड भी लगातार की जाएं। लिंगानुपात के मामले में करनाल 12वें स्थान पर है।
डीसी अनीश यादव ने शुक्रवार को लघु सचिवालय के सभागार में पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट से संबंधी मामलों की समीक्षा की। उन्होंने सिविल सर्जन डॉ. योगेश शर्मा को निर्देश दिए कि जिला उपायुक्त प्राधिकारी द्वारा पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट को जिला में सख्ती से लागू किया जाए। अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर रेड बढ़ाई जाएं तथा दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए।
भ्रूण लिंग जांच किसी भी सूरत में न होने पाए, अगर कहीं इस प्रकार की शिकायत मिलती है तो उस पर तुरंत कड़ा संज्ञान लिया जाए। भ्रूण लिंग जांच तथा कन्या भ्रूण हत्या से संबंधी मामलों के खिलाफ कार्यवाही करने में कहीं भी ढिलाई न बरती जाए। इस बारे रेड के दौरान सभी दस्तावेजों को सही तरीके से एकत्रित किया जाए ताकि न्यायालय द्वारा दोषियों को सजा दी जा सके।
सही प्रमाण पत्रों की कमी में नहीं होती कार्रवाई
एडीए राकेश कुमारी ने बताया कि न्यायालय में पीसी एण्ड पीएनडीटी एक्ट से संबंधित कई मामलों में सही प्रमाण पत्रों की कमी व गवाहों के ब्यान अलग होने के कारण दोषी कानूनी कार्रवाई से बच जाता है। ऐसे में जिला उपायुक्त प्राधिकारी द्वारा गठित रेड टीम सही तरीके से प्रमाण पत्र तैयार करें ताकि उन्हें न्यायालय में पेश किया जा सके।
सूचना पर 1 लाख इनाम तय
सिविल सर्जन डा. योगेश शर्मा ने बताया कि जिला उपायुक्त प्राधिकारी द्वारा गठित टीम समय-समय पर अल्ट्रासाउंड केन्द्रों का औचक निरीक्षण किया जाता है। वहां पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट से संबंधित सभी नियमों व हिदायतों की अनुपालना सुनिश्चित की जाती है। यदि कहीं पर कोई कमी नजर आती है तो उसे तुरंत ठीक करवाने के निर्देश दिए जाते हैं।
जिला में कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक बुराई की रोकथाम के लिए प्रचार-प्रसार का कार्य किया जा रहा है। स्वास्थ्य केन्द्रों व आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से भी महिलाओं को इस बारे जागरूक किया जाता है। लिंग जांच या कन्या भ्रूण हत्या से संबंधी मामलों की सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाता है तथा संबंधित व्यक्ति को प्रोत्साहन स्वरूप 1 लाख रुपए तक की राशि का ईनाम देने का प्रावधान है।